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    पुलिस के सामने से कैसे फरार हुआ अमृतपाल..?, जालंधर डीआईजी ने दिया जवाब

    -आगे-आगे अमृतपाल, पीछे-पीछे पुलिस, पुलिस को चकमा दे रहा खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/चंडीगढ़/शिव कुमार यादव/- जालंधर-मोगा रोड़ पर एक पुलिस नाके पर अमृतपाल व उसके काफिले को रोका गया था। इसी दौरान पुलिस ने अमृतपाल के साथ हथियार लेकर चल रहे लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन इसी बीच अमृतपाल वहां से अपनी गाड़ी से भाग निकला और पुलिस उसके पीछे लगी हुई और गांव-गांव, कस्बा-कस्बा उसे ढूंढ रही है। जालंधर पुलिस के डीआईजी स्वपन शर्मा ने बताया कि अमृतपाल सिंह कैसे पुलिस के सामने से गायब हुआ, इसकी पूरी रिपोर्ट सांझा की।
                        अजनाला थाने पर हमले के आरोपी एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल पर रविवार को तीन और एफआईआर दर्ज कर दी गई हैं। जालंधर के सलेमा गांव में मिली उसकी काले रंग की ईसुजू गाड़ी में अवैध हथियार मिले हैं। रविवार को उसके 34 और साथी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। अब तक उसके 112 समर्थक दबोचे जा चुके हैं। कई नजरबंद कर दिए गए हैं। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पूरे पंजाब में सुरक्षाबल फ्लैग मार्च कर रहे हैं। इसी बीच, सूबे में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और 24 घंटे के लिए स्थगित कर दी गई हैं। कई जिलों में धारा 144 लागू है।
                     अमृतपाल के खिलाफ रविवार को पहला मामला उसकी गाड़ी से मिले अवैध हथियारों के संबंध में दर्ज किया गया है। दूसरा मामला जालंधर में बैरिकेड्स तोड़ने और तीसरा केस अमृतसर में दर्ज हुआ है। उसके सात सहयोगियों को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है। उसकी ईसुजू गाड़ी से एक वॉकी टॉकी, तलवार, .315 बोर की राइफल व 57 कारतूस मिले हैं।
                     पुलिस ने अमृतपाल के पैतृक गांव स्थित घर की भी तलाशी ली। अमृतसर से गिरफ्तार अमृतपाल के सहयोगियों से 12 बोर की छह अवैध राइफल, .315 बोर की एक लाइसेंसी पिस्तौल, .32 बोर की एक रिवाल्वर और 322 कारतूस बरामद किए गए हैं। एसएसपी सतिंदर सिंह ने बताया कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके साथी गुरभेज सिंह ने पकड़े गए आरोपियों को हथियार और कारतूस दिए थे। आरोपियों की पहचान हरमिंदर सिंह, गुरवीर सिंह, अजयपाल सिंह, बलजिंदर सिंह, अमनदीप सिंह, सवरीत सिंह और गुरलाल सिंह के रूप में हुई है। ये सभी अमृतपाल सिंह के डेरे पर रहते थे।

    पुलिस के सामने ऐसे फरार हुआ अमृतपाल
    जालंधर पुलिस के डीआईजी स्वपन शर्मा ने बताया कि अमृतपाल सिंह कैसे पुलिस की आंखों के सामने से फरार हो गया। शनिवार सुबह करीब 11.30 बजे जालंधर-मोगा रोड पर एक पुलिस नाके पर उसके काफिले को रोक लिया गया। अमृतपाल के साथ हथियार लेकर चल रहे लोगों को गिरफ्तार किया तो वह अपनी गाड़ी से वहां से भाग निकला। पुलिस की टीमें भी उसके पीछे लगीं।

    शाहकोट क्षेत्र में देखा गया अमृतपाल सिंह
    इस दौरान अमृतपाल ने कई बार अपने रूट भी बदले। भागते वक्त उसकी कार पांच से छह मोटरसाइकिल सवारों से भी टकराई। इनमें से कुछ मोटरसाइकिल सवार पुलिस काफिले को रोकने के मकसद से भी पहुंचे थे। अमृतपाल सिंह को पहले शाहकोट क्षेत्र में देखा गया। जब उसके काफिले को पहली बार रोका गया तो वह यू-टर्न लेकर एक लेन वाली लिंक रोड की ओर जाने वाले फ्लाईओवर के नीचे भाग गया।

    गाड़ी में अमृतपाल के अलावा उसका चाचा और दो अन्य लोग सवार
    अमृतपाल ने पुलिस को चकमा देने के लिए कई बार वाहन बदले और मोबाइल फोन भी फेंक दिए। पुलिस ने उसकी गाड़ी का करीब 25 किलोमीटर तक पीछा किया। मलसियां के पास तंग संकरी गलियों में वह फरार हो गया। उसकी गाड़ी में अमृतपाल के अलावा उसका चाचा और दो अन्य लोग सवार थे। क्या अमृतपाल सिंह पंजाब में छिपा है या फरार है, इस पर डीआईजी ने कहा कि यह खुफिया ऑपरेशन है और इसकी सूचना शेयर नहीं की जा सकती है।

    सीसीटीवी फुटेज आया सामने
    शनिवार को फरार हुए अमृतपाल सिंह का पहला सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि पंजाब पुलिस अमृतपाल का कैसे पीछा कर रही है। सीसीटीवी में दिख रहा है कि सबसे आगे अमृतपाल की गाड़ी है। उसके बाद अमृतपाल के बॉडीगार्ड की गाड़ी है और फिर पुलिस की गाड़ी पीछा कर रही है।

    रात भर चला ऑपरेशन अमृतपाल
    अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए पंजाब पुलिस ने रातभर आपरेशन चलाया। मलसियां से भागने के बाद अमृतपाल ने महितपुर के निकट गांव सलेमा से अपनी गाड़ी बदली थी। उसके बाद पुलिस ने रात भर महितपुर से सटे फिल्लौर के आसपास के गांवों, नकोदर व शंकर, शाहकोट मल्सियां और मोगा के धर्मकोट में तलाशी अभियान चलाया। शनिवार रात करीब 10 बजे पुलिस को इनपुट मिला कि गांव सरीं में अमृतपाल सिंह का भाई छिपा हुआ है। इसके बाद जालंधर के पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल, डीसीपी जकरणजीत तेजा, अमृतसर के डीसीपी मुखविंदर सिंह, एसपी जांच होशियारपुर मनप्रीत सिंह ढिल्लों की टीमों ने गांव शंकर व सरीं को पूरी सील कर दिया गया। पुलिस ने तमाम घरों में जाकर सर्च की और मनोज कुमार समेत तीन युवकों को हिरासत में ले लिया, जो अमृतपाल के भाई को किसी स्थान पर छोड़कर आए थे।

    रात 11 से लेकर 6 बजे तक चलाया अभियान
    महितपुर से शाहकोट की तरफ मार्ग पर 45 गांवों में पुलिस छावनी बनाकर रात भर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। गांव स्लेमा जहां से अमृतपाल सिंह की गाड़ी मिली, उसके आसपास के गांवों में रात 11 से लेकर 6 बजे तक पूरी खाक छानी गई, लेकिन अमृतपाल सिंह हाथ नहीं लगा।

    अफवाह और फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ चेतावनी
    पंजाब पुलिस ने फर्जी खबरें फैलाने वाले सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ चेतावनी दी है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि वे विभिन्न देशों, राज्यों और शहरों से आने वाली सभी फर्जी खबरों और नफरत भरे भाषणों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, झूठी अफवाहें फैलाने वाले सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    एनआईए को सौंपी जा सकती है जांच
    अमृतपाल केस की जांच अब एनआईए को सौंपी जा सकती है। ऐसे सबूत हैं कि उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लगाया था। उसके वित्तीय जाल ने खालिस्तान समर्थकों को देश से बाहर तक पहुंचाया है। सीमा पार से कनेक्शन मिलने के बाद केस की जांच एनआईए को भेजी जा सकती है।

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