पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन, लोग भारत के साथ मिलाए जाने का लगा रहे नारा

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

April 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  
April 26, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

पीओके में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन, लोग भारत के साथ मिलाए जाने का लगा रहे नारा

-पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के सबसे उत्तरी इलाके गिलगित बाल्टिस्तान के लोग लद्दाख के साथ मिलाए जाने की कर रहे मांग

Pok me pakistan ke khilaf pardarshan karte log

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के सबसे उत्तरी इलाके गिलगित बाल्टिस्तान में पिछले काफी समय से वहां की अवाम भारत के लद्दाख के साथ मिलाए जाने को लेकर जमकर प्रदर्शन कर रही हैं.। मंहगाई और सामान की किल्लत से परेशान ये लोग पाकिस्तानी सेना और सरकार से काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि कारगिल की सड़क..को खोला जाए और उन्हें लद्दाख में अपने बाल्टिस्तानियों से मिलने और व्यापार करने दिया जाए.। इस इलाके के लोग पाकिस्तान सरकार की भेदभावपूर्ण नीतिओं से तंग आ गए हैं और अब भारत के साथ आने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि दशकों तक पाकिस्तान की सरकारों ने उनके साथ भेदभाव किया और उनके क्षेत्र का शोषण किया.है।
              सोशल मीडिया पर प्रदर्शन से जुड़े कई वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें देखा जा सकता है कि गिलगित-बाल्टिस्तान (जीबी) के लोग भारी संख्या में सड़कों पर निकलकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग मांग कर रहे हैं कि लद्दाख के कारगिल जिले में सकरदू कारगिल रोड को फिर से खोला जाए। उनकी मांग है कि लद्दाख में उनके जो बाल्टिस्तान के लोग रहते हैं, उन्हें उनके साथ मिलकर रहने दिया जाए.।
             पिछले कई दिनों से जारी इस विरोध प्रदर्शन में लोग मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तानी सरकार ने जो उनकी जमीनों पर अवैध कब्जा किया है, उसे खत्म किया जाए, उनके क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों के दोहन को रोका जाए.। उनकी एक मांग ये भी है कि महंगाई के कारण वो गेहूं सहित सभी जरूरी समानों की खरीद नहीं कर पा रहे..हैं, इसलिए सरकार उन्हें सब्सिडी दे।

पाकिस्तान की सेना ने क्षेत्र की जमीनों पर जबरदस्ती किया है कब्जा
पाकिस्तानी सेना गिलगित-बाल्टिस्तान के गरीब क्षेत्रों की भूमि और संसाधनों पर जबरदस्ती कब्जे का दावा करती रही है। जीबी में पाकिस्तानी सरकार और लोगों के बीच जमीन का मुद्दा दशकों से बना हुआ है लेकिन 2015 से विवाद और बढ़ा है। स्थानीय लोग तर्क देते हैं कि क्योंकि ये इलाका पीओके में है, इसलिए जमीन उनकी है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि जो जमीन किसी को दी नहीं गई है, वो पाकिस्तान सरकार की है। इन प्रदर्शनों की शुरुआत साल 2022 के अंत में हुई और नए साल में भी ये प्रदर्शन जमीन हथियाने, भारी टैक्स वसूले जाने को लेकर पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ जारी है।

प्रदर्शनों का चीन कनेक्शन
पाकिस्तान गुपचुप तरीके से इस इलाके की ऊपरी हुंजा घाटी को जल्द ही चीन को पट्टे पर देने वाला है। इसके जरिए.पाकिस्तान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना में चीनी निवेश को बढ़ाकर अपने चीनी कर्ज को कम करना चाहता है। यह इलाका खनिजों के मामले में बेहद धनी है और चीन वहां खनन परियोजना शुरू कर सकता है। इस बात से भी लोग बेहद गुस्से में हैं।

पाकिस्तान का आर्थिक संकट और लोगों का ये विरोध
पाकिस्तान की पूरी आबादी इस वक्त दो वक्त की रोटी-दाल के लिए जूझ रही है। देश में गेहूं, दाल, चीनी आदि सामानों की भारी कमी है जिस कारण इनकी कीमतें आसमान छू रही हैं। इसके अलावा पाकिस्तान की सरकारें इस इलाके के लोगों से भेदभावपूर्ण रवैया रखती आई है। आलोचकों का कहना है कि इस इलाके में इमरान खान की पार्टी पीटीआई सत्ता में है, इसलिए शहबाज शरीफ की सरकार जानबूझ कर सामान की आपूर्ति नहीं होने दे रही.।..इन सब कारणों से लोगों की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि 1947 में उन्होंने जिस पाकिस्तान के साथ रहने का फैसला किया था, अब उसे छोड़कर भारत के साथ आना चाहते हैं।

गिलगित बाल्टिस्तान में लोग इतने उग्र हैं कि वे भारी संख्या में सड़कों पर निकल आए हैं और मांग कर रहे हैं कि कश्मीर घाटी की ओर जाने वाले कारगिल के एक रास्ते को व्यापार के लिए खोल दिया जाए.।

भारत से अलग होने के बाद से ही पाकिस्तान विदेशी मदद पर निर्भर
पाकिस्तान पिछले 75 सालों से विदेशी मदद पर ही निर्भर है। पाकिस्तान के मित्र देश भी ये मानते हैं कि पाकिस्तान हमेशा उनसे आर्थिक मदद ही मांगता रहता है। विपक्ष में बैठे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भिखारी तक कह दिया है और कहा है कि वो हर जगह भीख ही मांग रहे हैं। गुरुवार को ही शहबाज शरीफ आर्थिक मदद मांगने के लिए संयुक्त अरब अमीरात गए थे, जहां उन्होंने अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की.। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को दो अरब डॉलर का ऋण देने की गुजारिश की.। उन्होंने बाढ़ राहत के नाम पर अतिरिक्त 1 अरब डॉलर देने की भी मांग की.।
            हालांकि, यूएई ने पाकिस्तान को अतिरिक्त एक डॉलर देना स्वीकार नहीं किया.है। पाकिस्तान पर पहले से ही यूएई का बहुत कर्जा है, उस कर्ज के तुरंत रोलओवर पर भी बात नहीं बनी है। पाकिस्तान को जेनेवा सम्मेलन में देशों और संस्थाओं की तरफ से करीब दस अरब डॉलर की मदद मिली है।
1971 में, पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) के पाकिस्तान से अलग होने का उसे भारी नुकसान पहुंचा और वो अपनी जरूरतों के लिए कर्ज के बोझ तले दबता चला गया। पाकिस्तान ने अमेरिका से 1972 में 84 करोड़ डॉलर, 1973 में 75 करोड़ डॉलर और 1974 में 20 करोड़ डॉलर का कर्ज लिया। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से अब तक 22 बार कर्ज लिया है.।.

गिलगित-बाल्टिस्तान भारत के लिए क्यों अहम?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल अक्टूबर में श्रीनगर में पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर को फिर से भारत में .मिलाने को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में संपूर्ण विकास का लक्ष्य पीओके के हिस्से वाले गिलगित बाल्टिस्तान पहुंचने के बाद ही हासिल होगा। अभी तो हमने उत्तर की ही तरफ चलना शुरू किया है. हमारी ये यात्रा तब पूरी होगी जब हम 22 फरवरी 1994 को भारत के संसद में पारित प्रस्ताव को अमल में लाएंगे और गिलगित बाल्टिस्तान तक के इलाके को भारत में मिलाएंगे.।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox