मानसी शर्मा /- पाकिस्तान अपनी नापाक गतिविधियों से कभी नहीं बाज आता। ताजा जानकारी से उसकी मंशा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) अब चीन की खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। दोनों देशों की संयुक्त कोशिशें जम्मू-कश्मीर के रणनीतिक ढांचे, विशेषकर सुरंगों, पुलों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी जुटाने पर केंद्रित हैं। यह गतिविधि पाकिस्तान और चीन के बीच खतरनाक समझौते का संकेत देती है।
घुसपैठ की तैयारी
पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में लगभग 20आतंकवादियों को पाकिस्तान की सेना और ISI द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। इन आतंकवादियों को कोटली, बाग मुजफ्फराबाद और भिम्बर जैसे इलाकों में हथियार चलाने, GPS डेटा विश्लेषण, प्राथमिक चिकित्सा और गुरिल्ला वारफेयर की ट्रेनिंग दी गई है। अब पाकिस्तान इन आतंकवादियों को ‘लॉन्चिंग कमांडर्स’ के रूप में भारतीय सीमा पर भेजने की योजना बना रहा है।
खबरों के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को मुश्ताक अहमद के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के डोडिया क्षेत्र में भेजा गया है। वहीं, अन्य आतंकवादियों को अबू हमजा और अबू मोसैब जैसे प्रमुख आतंकवादियों के साथ चकोटी क्षेत्र में तैनात किया गया है।
भारतीय सुरक्षा बलों के लिए बड़ा खतरा है अबू हमजा
पाकिस्तान इस समय जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ के लिए पूरी तरह तैयार है, खासकर मौसम के बदलाव से पहले। हालांकि बर्फबारी शुरू हो चुकी है, लेकिन पाकिस्तान को लगता है कि यही वह समय है जब वह अधिक आतंकवादियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ करा सकता है। इस घुसपैठ को पाकिस्तान, ISI और पाकिस्तानी सेना की पूरी ताकत मिल रही है।
लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अबू हमजा, जो पाकिस्तानी सेना के SSGऔर आतंकवादियों के साथ एलओसी के पास रेकी कर रहा है, भारतीय सुरक्षा बलों के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। इसके अलावा, एक और पाकिस्तानी हैंडलर अबू मोहम्मद भी आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है। इन आतंकवादियों के साथ पाकिस्तानी सेना और बैट (बैट एक्शन टीम) भारतीय सीमा में घुसपैठ की योजना बना रहे हैं।
सुरक्षा बलों को सतर्क रहने की आवश्यकता
भारत के सुरक्षा बलों को इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। पाकिस्तान और चीन की संयुक्त रणनीति जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की एक नई लहर पैदा कर सकती है, जो भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती हो सकती है। सुरक्षा बलों को इस खतरे का मुकाबला करने के लिए पूरी तैयारी करनी होगी।
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