• DENTOTO
  • ‘न्यायपालिका पर विशेष ग्रुप का दबाव’, 600 वकीलों ने CJI को लिखी चिट्ठी

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    July 26, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    ‘न्यायपालिका पर विशेष ग्रुप का दबाव’, 600 वकीलों ने CJI को लिखी चिट्ठी

    मानसी शर्मा / – देश में लोकसभा चुनाव काफी करीब है। चुनाव होने में एक महीने से भी कम का समय बचा है। वहीं चुनाव से पहले वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पिंकी आनंद के साथ देश के 600 से अधिक वकीलों ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि एक विशेष ग्रुप देश में न्यायपालिका को कमजोर करने में जुटा हुआ है।

    वकीलों ने अपनी चिट्ठी में लिखा इस खास ग्रुप का काम है अदालती फैसलों को प्रभावित करने के लिए दबाव डालना। खास तौर पर ऐसे मामलों जिसमें या तो नेता जुड़े हुए हैं या फिर जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। चिट्ठी में ये भी कहा गया है कि इनकी गतिविधियां जो हैं वो देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने और न्यायित प्रक्रिया में विश्वास के लिए खतरा है। इस चिट्ठी लिखने वालों में हरीश साल्वे, मनन कुमार मिश्रा, आदिश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, उज्ज्वला पवार, उदय होल्ला, स्वरूपमा चतुर्वेदी शामिल हैं।

    ‘माई वे या हाईवे’थ्योरी में करता है विश्वास

    चिट्ठी में ये बात कही गई है कि ये खास ग्रुप अपने पॉलिटिकल एजेंडे के आधार पर अदालती फैसलों की सराहना या फिर आलोचना करता है। ये ग्रुप ‘माई वे या हाईवे’वाली थ्योरी में विश्वास करता है। इसके साथ ही बेंच फिक्सिंग की थ्योरी भी इन्हीं की गढ़ी हुई है। वकीलों ने आरोप लगाया है कि ये अजीब है कि नेता किसी भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं और फिर अदालत में उनका बचाव करते हैं। ऐसे में अगर अदालत का फैसला उनके मनमाफिक नहीं आता तो वे कोर्ट के भीतर ही या फिर मीडिया के जरिए अदालत की आलोचना करना शुरू कर देते हैं।

    जजों पर दबाव डालने की हो रही कोशिश

    चिट्ठी में ये बात भी कही गई है कि कुछ तत्व जजों को प्रभावित करने या फिर कुछ चुनिंदा मामलों में अपने पक्ष में फैसला देने के लिए जजों पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा सोशल मीडिया पर झूठ फैलाकर किया जा रहा है। इनके ये प्रयास निजी या राजनीतिक कारणों से अदालतों को प्रभावित करने का प्रयास है, जिन्हें किसी भी परिस्थिति में सहन नहीं किया जा सकता।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox