• DENTOTO
  • नेपाल के प्रधानमंत्री कमल दहल ‘प्रचंड’ को लगा बड़ा झटका, अविश्वास मत का करना पड़ा सामना

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    July 29, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    नेपाल के प्रधानमंत्री कमल दहल ‘प्रचंड’ को लगा बड़ा झटका, अविश्वास मत का करना पड़ा सामना

    नेपाल/नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को बड़ा झटका लगा है। ‘प्रचंड’ संसद में विश्वास मत हार गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल द्वारा उनकी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद ‘प्रचंड’ को विश्वास मत हासिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह पांचवीं बार था जब ‘प्रचंड’ को संसद में अविश्वास मत का सामना करना पड़ा। इससे पहले वह चार प्रयासों में विश्वास मत हासिल करने में सफल रहे थे। दहल के सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी सीपीएन-यूएमएल ने 3 जुलाई को अपना समर्थन वापस ले लिया था। 25 दिसंबर 2022 को पीएम बनने के बाद दहल लगातार अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे थे और करीब 19 महीने बाद उनकी सरकार गिर गई। 69 वर्षीय प्रचंड को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 63 वोट मिले, जबकि प्रस्ताव के खिलाफ 194 वोट पड़े।

    ‘प्रचंड’ ने क्या कहा?
    इससे पहले, पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने शुक्रवार को साझा सिद्धांतों के बजाय डर से गठबंधन बनाने के लिए नेपाली कांग्रेस और CPN-UML की तीखी आलोचना की थी और उन पर देश को पतन के रास्ते पर धकेलने का आरोप लगाया था। विश्वास मत से पहले प्रतिनिधि सभा को संबोधित करते हुए प्रचंड ने कहा कि नेपाली कांग्रेस (NC) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (CPN-UML) ने मिलकर काम किया है, जिससे देश में सुशासन की जड़ें जमाई जा रही हैं। प्रचंड ने कहा, “अगर एनसी और यूएमएल समान मान्यताओं या लक्ष्यों के लिए एकजुट होते, तो मुझे चिंता नहीं होती।” इसके बजाय, आप सुशासन से डरते हैं।”

    क्या बनी है सहमति?
    आपको बता दें कि नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने के फैसले का बचाव करते हुए ओली ने बुधवार को कहा था कि हाशिये पर पड़े दलों और उनके असंगत कदमों को दोनों दलों की साझेदारी से परास्त करने की जरूरत है। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा पहले ही अगले प्रधानमंत्री के रूप में ओली का समर्थन कर चुके हैं। दोनों दलों ने कहा कि वे राष्ट्रीय हितों की रक्षा और नेपाल को समृद्ध तथा नेपाली लोगों को समृद्ध बनाने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता पर सहमत हुए हैं।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox