नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- रविवार को आरजेएस पीबीएच द्वारा द अवेयर कंज्यूमर के सहयोग से राईट टू रिपेयर यानि मरम्मत का अधिकार पर विचार गोष्ठी का सफल आयोजन आरजेएस पीबीएच संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना के संयोजन में किया गया। द अवेयर कंज्यूमर के संपादक और प्रकाशक प्रो. बिजॉन कुमार मिश्रा जी ने कार्यक्रम का संचालन किया और 22 अक्टूबर को मेडिकल डिवाइस क्वालिटी दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। कार्यक्रम में बढ़ोदा से कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के चेयरमैन प्रफुल्ल डी. सेठ और रंजन बेन जुड़े। प्रफुल्ल भाई ने विषय की प्रस्तावना के साथ में सभी का स्वागत किया।
वहीं एमसीडी के पूर्व निदेशक दीपचंद माथुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि आरजेएस पीबीएच का लगातार जागरूकता के लिए वेबिनार के अतिरिक्त पॉजिटिव मीडिया डायलॉग से सकारात्मक पत्रकारिता की मुहिम समय की मांग है। लिहाजा 24 को विजयादशमी और 29 को राष्ट्रीय एकता दिवस का वेबिनार सुबह 11 बजे से किया जाएगा।
कार्यक्रम में कन्ज्यूमर गाइडेंस सोसायटी ऑफ इंडिया के ऑनरेरी सेक्रेटरी डा. वी. एस. कामथ जो फिजिशियन तथा अधिवक्ता हैं, मुंबई से जुड़े तथा उन्होने विस्तार से राइट टू रिपेयर कानून की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत सरकार को राइट टू रिपेयर बिल ड्राफ्ट करके भेजा है, समय लग सकता है लेकिन कानून बनने के आसार दिखते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी उपभोक्ता हैं तथा सामान खरीदते समय भगवान माने जाते हैं लेकिन रिपेयर के लिये या खराब होने पर जिस दुकान से सामान लिया है उसके पास जाते हैं तब बोझ नजर आते हैं। हमारी रिपेयर की अनेक समस्या आती हैं अधिकतर समस्या पार्ट न मिलने की होती है। राइट टू रिपेयर बिल में कंपनियों को स्पेयर पार्ट्स आसानी से अंतिम प्रोडक्ट की बिक्री से सात साल तक उपलब्ध कराने के लिए प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिकतर का अनुभव होगा कि जितने का सामान नहीं होता है रिपेयर उससे महंगी होती है। ग्राहक नया सामान खरीदने पर मजबूर होता है और खराब सामान कबाड़ के रूप में वातावरण को नुकसान भी पहुंचाता है। इस बिल को ड्राफ्ट करने में प्रवीन गांधी लॉ कालेज के विधार्थी तथा कोहेनूर बिजनेस स्कूल और कोहेनूर मैनेजमेंट स्कूल की फैकल्टी तथा विधार्थियों का विशेष सहयोग रहा है। डा.वी.एस. कामथ ने बताया कि विदेशों की तरह लाइसेंस्ड रिपेयर किट भी उपभोक्ताओं को मुहैया कराना चाहिए ,जिससे ग्राहक स्वयं रिपेयर कर सके। भारत में जब रिपेयर कराने जाओ तो ग्राहक को ही दोषी ठहराने की कोशिश सर्विस सेंटर द्वारा करी जाती है। गारंटी और वारंटी के चक्कर में ग्राहक को उलझाया जाता है। प्रोडक्ट बदल कर नया देने की कोई नीयत नहीं होती है। जो विदेशी कंपनी हैं उनका अपने ही देश में रिपेयर तथा सामान बदलने की पॉलिसी अलग होती है और भारत में अलग।
कार्यक्रम में मथाई जी केरल से जुड़े वो कन्ज्यूमर एक्टीविस्ट हैं। अतुल्य सिन्हा जो क्वालिटी प्रोमोशन का काम करते हैं और साउथ ईस्टर्न रेलवे से जुड़े हैं ने प्रश्न पूछा। राजीव नाथ मेडिकल डिवाइस की क्वालिटी पर काम करते हैं कि मेडिकल डिवाइस क्वालिटी के बनें और बिकें। कार्यक्रम में डा.ए के मर्चेंट,डा.मुन्नी कुमारी, इशहाक खां, सत्येन्द त्यागी और सुमन त्यागी, आशीष आनंद, दुर्गा दास आजाद आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाया। आरजेएस पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस के राष्ट्रीय संयोजक तथा संस्थापक उदय मन्ना ने सभी प्रतिभागियों और टेक्नीकल टीम का विशेष धन्यवाद दिया जो परदे के पीछे रहकर कार्यक्रम को यूट्यूब पर प्रसारित करते हैं और सभी टेक्नीकल पहलुओं को संभालते हैं।
-उपभोक्ताओं का ब्रह्मास्त्र है बहिष्कार,22 अक्टूबर मेडिकल डिवाइस क्वालिटी डे का प्रस्ताव- प्रो. मिश्रा
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