नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/भावना शर्मा/- दिल्ली विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र का आगाज सोमवार को हंगामे के साथ हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष द्वारा रखे गए मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकृति दे दी। वहीं आप विधायक एलजी द्वारा सरकार के काम में दखल के विरोध में नारेबाजी करने लगे। इस बीच एक घंटे के अंदर विधानसभा दो बार भंग हुई।
सौरभ भारद्वाज ने सदन में कहा कि उपराज्यपाल सर्विस, लैंड और कानून व्यवस्था मैं संबंधित कार्यों में ही हस्तक्षेप कर सकते हैं वह अन्य विभागों से जुड़े मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते अगर उनको किसी मामले पर आपत्ति हैं तो वह उसे रिजेक्ट करने के बजाय राष्ट्रपति को भेज सकते हैं मगर उपराज्यपाल दिल्ली सरकार की विभिन्न योजनाओं को रद्द कर रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष आप विधायकों से बार-बार शांत होने का आग्रह कर रहे हैं। विधायकों के नहीं मानने पर विधानसभा अध्यक्ष ने 30 मिनट के लिए बैठक स्थगित कर दी। सदन में उपराज्यपाल के खिलाफ आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज अपनी बात रख रहे थे, तभी दोनों बार आप विधायकों ने शोर-शराबा करना शुरू कर दिया था।
विधानसभा की कार्रवाई दोबारा शुरू होने के बाद फिर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने हंगामा शुरू किया वह एलजी के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां लेकर वेल में पहुंचे और एलजी के खिलाफ नारेबाजी की।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि दिल्ली के शिक्षक ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जाएं, तो एलजी को रोकने की पावर नहीं है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट और संविधान को मानना चाहिए।
तीसरी बार बैठक शुरू होने के बाद फिर आप विधायकों ने हंगामा शुरू किया, वहीं दूसरी ओर भाजपा विधायक भी प्रदूषण के मामले में हंगामा कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष की बात दोनों पक्षों के विधायक नहीं सुनी जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। सदन स्थगित हो जाने के बाद आप विधायक सदन के बाहर इकट्ठा होकर एलजी निवास के लिए मार्च निकाल रहे हैं, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने भी अपने हाथ में उपराज्यपाल के विरोध में लिखे नारों की तख्तियां ले रखी है। आम आदमी पार्टी के तमाम विधायक शिक्षकों को ट्रेनिंग करने की फाइल रोकने का विरोध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और आप विधायक विधानसभा परिसर के अंदर मार्च करने के बाद बाहर निकल गए।
दिल्ली सरकार के काम में एलजी द्वारा हस्तक्षेप किए जाने के विरोध में मार्च कर रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्रकारों से बातचीत में कई बातें कहीं। उन्होंने कहा, मैं सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर लेकर आया हूं। सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई 2018 को बोला था कि एलजी को कोई भी स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने दो बार लिखा, क्योंकि पता था कि एक बार में नहीं मानेंगे। सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि एलजी स्वतंत्र रूप से कोई फैसला नहीं ले सकते। आज दिल्ली के मुख्यमंत्री और विधायकों को एलजी हाउस सिर्फ इस चीज के लिए जाना पड़ रहा है, क्योंकि वह शिक्षकों को फिनलैंड जाने की मांग कर रहे हैं। ये कोई बड़ी मांग नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि एलजी साहब को गलती का अहसास होगा। एलजी साहब ने दिल्ली में योगा क्लास रोक दी, इससे उन्हें क्या फायदा। दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक का पेमेंट रुकवा दिया, दिल्ली जल बोर्ड के फंड रुकवा दिए। कोई पेमेंट नहीं होने दिया। बस मार्शल की तीन महीने से पेमेंट नहीं होने दी। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की कोई वैल्यू नहीं है। एलजी साहब ये सारे काम कैसे रुकवा सकते हैं। मेरी एलजी से अपील है कि संविधान और सुप्रीम कोर्ट को मानें। मैं परसों मिला, तो कहा कि सुप्रीम कोर्ट की राय है, सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर सभी के ऊपर बाध्य होते हैं।
-आप कर रही एलजी निवास की ओर मार्च
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