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    दिल्ली में दुकानों पर भगवा झंडा और नेम प्लेट लगाने का चलन, दुकानदारों ने बताया फायदे

    नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-  दिल्ली के कुछ इलाकों में इन दिनों दुकानदारों के बीच धार्मिक पहचान के तौर पर भगवा झंडा और नेम प्लेट लगाने का चलन बढ़ता जा रहा है। खासकर फल और सब्जी बेचने वाले दुकानदार इस चलन को अपना रहे हैं। कई दुकानदारों का मानना है कि इससे उनके व्यवसाय में एक नई पहचान और सुरक्षा मिलती है।

    नेम प्लेट और भगवा झंडे का महत्व

    यह पहल मुख्य रूप से नजफगढ़ क्षेत्र के कुछ दुकानदारों द्वारा शुरू की गई है, जहां पर दुकानों के बाहर भगवा झंडे और धार्मिक नेम प्लेट लगाने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। दुकानदारों का कहना है कि यह न केवल उनके व्यवसाय को एक धार्मिक पहचान प्रदान करता है, बल्कि यह ग्राहकों के बीच एक विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक बनता है।

    नेम प्लेट और भगवा झंडा लगाने से उनके ग्राहकों को यह संदेश जाता है कि उनकी दुकान धार्मिक रूप से प्रामाणिक और समर्पित है। कई दुकानदारों का कहना है कि इससे दुकानों की पहचान स्पष्ट होती है और उनका व्यापार भी बेहतर तरीके से चलता है।

    नजफगढ़ से बीजेपी पार्षद अमित खड़खड़ी का बयान

    इस चलन को बढ़ावा देने के लिए नजफगढ़ के 127 वार्ड से बीजेपी पार्षद और नजफगढ़ निगम जोन के अध्यक्ष अमित खड़खड़ी ने अपनी सहमति दी है। उन्होंने इस मुद्दे पर स्पष्ट करते हुए कहा, “नेम प्लेट किसी पर थोपा नहीं गया है। इसमें मंडी समितियों की सहमति है और यह एक स्वैच्छिक कदम है जिसे दुकानदारों ने अपने व्यवसाय को पहचान देने के लिए अपनाया है।”

    अमित खड़खड़ी का कहना था कि यह कोई राजनीतिक या विवादास्पद पहल नहीं है, बल्कि यह दुकानदारों के लिए एक पहचान और सामाजिक पहल है।

    दुकानदारों का समर्थन

    दुकानदारों का कहना है कि पहले कई बार उन्हें धार्मिक पहचान छिपाने की कोशिश की जाती थी, लेकिन अब यह झंडा और नेम प्लेट उनके आत्मसम्मान और व्यवसाय का हिस्सा बन गए हैं। उन्होंने इसे एक सकारात्मक बदलाव माना और कहा कि इससे उनके ग्राहक भी संतुष्ट हैं। कई दुकानदारों ने यह भी कहा कि इस पहल से उनके इलाके में सामुदायिक एकता बढ़ी है और लोग एक दूसरे का सम्मान करते हैं।

    हालाँकि, इस बढ़ते चलन को लेकर कुछ आलोचनाएँ भी उठ रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह धार्मिक प्रतीकों का अत्यधिक प्रयोग समाज में विभाजन की भावना को बढ़ा सकता है। लेकिन ज्यादातर दुकानदारों का मानना है कि यह केवल एक तरीका है जिससे वे अपनी धार्मिक पहचान को सम्मानित कर सकते हैं और अपने व्यापार में वृद्धि देख सकते हैं।

    निष्कर्ष

    दिल्ली के दुकानदारों के बीच भगवा झंडा और नेम प्लेट लगाने का यह नया चलन एक सामाजिक बदलाव की ओर इशारा करता है, जहां लोग अपने व्यवसाय को धार्मिक पहचान देने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके बावजूद, इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में विभिन्न दृष्टिकोण हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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