नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तंज भरी टिप्पणी की है। दिल्ली-एनसीआर की हवा पिछले कई दिनों से “बेहद खराब” श्रेणी में है और इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा कि “जैसे-जैसे नवंबर आगे बढ़ेगा, इंसानों के फेफड़ों पर प्रदर्शन का दबाव और बढ़ेगा।”
अपनी सटीक और व्यंग्यात्मक भाषा के लिए चर्चित थरूर ने यह टिप्पणी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर की, जिससे वे एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने यह बात छह नवंबर की सुबह जारी एक्यूआई रिपोर्ट के संदर्भ में कही, जब दिल्ली की हवा की स्थिति ‘खतरनाक’ स्तर पर थी।

दीपावली और सर्दी ने बढ़ाई दिल्ली की मुश्किलें
दिल्ली में सर्दियों के आगमन के साथ ही वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर उभरता है। दीपावली पर हुई आतिशबाजी ने हालात को और गंभीर बना दिया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, पिछले 17 दिनों से दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार ‘खराब’ से ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बना हुआ है।
प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत, गले में खराश और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
डॉक्टरों की चेतावनी: अस्पतालों में बढ़े मरीज
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि प्रदूषण के कारण अस्पतालों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस और एलर्जी के मरीजों की संख्या 25 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
PGIMER के प्रोफेसर डॉ. पुलिन गुप्ता ने बताया कि “कई मरीज नाक बहने, नाक से खून आने, आंखों से पानी आने, सूखापन और धुंधली दृष्टि” जैसी शिकायतें लेकर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अस्थमा, सीओपीडी और तपेदिक (TB) से पहले से पीड़ित लोग प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि उनके फेफड़े पहले से कमजोर हैं।
स्वास्थ्य विभाग की अपील: घर से बाहर न निकलें
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर प्रशासन ने जनता से अपील की है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें।
विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बाहर निकलते समय N95 मास्क या एंटी-प्रदूषण मास्क पहनने की भी सिफारिश की गई है।
अधिकारियों का कहना है कि हवा में जहरीले कणों की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि इसका असर सामान्य स्वस्थ लोगों पर भी दिखने लगा है।
आंकड़ों में गिरावट, लेकिन हवा अब भी जहरीली
पिछले दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर के एक्यूआई स्तर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह राहत केवल आंकड़ों में दिख रही है, वास्तविकता में प्रदूषण का स्तर अब भी चिंताजनक है।
पर्यावरणविदों के अनुसार, सरकार को केवल आंकड़ों के बजाय दीर्घकालिक समाधान पर ध्यान देना चाहिए — जैसे औद्योगिक उत्सर्जन नियंत्रण, निर्माण कार्यों की निगरानी और वाहनों से निकलने वाले धुएं पर सख्त नियंत्रण।
थरूर की टिप्पणी पर बढ़ी चर्चा
शशि थरूर का व्यंग्यात्मक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। आमतौर पर अपनी कठिन अंग्रेज़ी के लिए प्रसिद्ध थरूर ने इस बार हिंदी में तंज कसते हुए लिखा —
“जैसे-जैसे नवंबर का महीना चढ़ेगा, फेफड़ों पर परफॉरमेंस का बोझ बढ़ेगा!”
लोगों ने उनकी टिप्पणी को “हास्य के साथ कटाक्ष” बताया और कई यूज़र्स ने कहा कि थरूर ने दिल्ली की समस्या को एक वाक्य में सटीक रूप से बयां कर दिया।


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