• DENTOTO
  • दिल्ली एजीएस क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा विक्की टक्कर गैंग का शूटर

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    July 9, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    दिल्ली एजीएस क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा विक्की टक्कर गैंग का शूटर

    -पुलिस ने आरोपी से एक अत्याधुनिक 7.65 एमएम पी.बर्राटा पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस किए बरामद -थाना रनहोला में हत्या के प्रयास के मामले में था वांछित

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/अनीशा चौहान/- दिल्ली क्राइम ब्रांच की एजीएस टीम ने कुख्यात विक्की टक्कर गैंग से जुड़े एक प्रमुख शूटर आयुष को पकड़े में सफलता प्राप्त की है। आयुष थाना रनहोला, दिल्ली में हत्या के प्रयास के मामले में वांछित था। आरोपी पहले से ही 7 संगीन मामलों में शामिल रहा है। पुलिस गिरोह को नेस्तनाबूद करने के लिए आरोपी से कड़ाई से पूछताछ कर रही है।

    इस संबंध में जानकारी देते हुए डीसीपी क्राइम ब्रांच सतीश कुमार ने बताया कि घटना तब शुरू हुई जब विक्की टक्कर गैंग का सदस्य तरुण थापा, जो हाल ही में जेल से रिहा हुआ था, दास गार्डन में अवैध शराब बेचने लगा। स्थानीय निवासी राजेश फड्डा से विवाद हो गया, जिसने तरुण की अवैध गतिविधियों को रोका। तरुण ने बदला लेने के लिए राजेश का पीछा करना शुरू कर दिया और उसे मारने की योजना बनाई। 17 नवंबर, 2024 को तरुण को अपने चचेरे भाई अमित नेपाली से पता चला कि राजेश मीठापुर में एक शादी में शामिल होने जा रहा है। इसके बाद तरुण ने हत्या को अंजाम देने के लिए आयुष, रवि उर्फ गोलू और अन्य सहित अपने गिरोह के साथ मिलकर काम किया। उन्होंने खुद को लोहे की छड़ों और एक पिस्तौल (आयुष द्वारा लाई गई) से लैस कर लिया। रात करीब 11ः30 बजे राजेश शादी से चला गया और मोहल्ला क्लिनिक के पास इंतजार कर रहे गिरोह ने अपनी योजना को अंजाम देने की तैयारी की। जैसे ही राजेश अपने घर के रास्ते से गुजरा, उन्होंने उस पर रॉड से हमला कर दिया और आयुष ने उस पर गोली चला दी। हालांकि, गोली चूक गई और राजेश बच गया। हमले के बाद गिरोह मौके से भाग गया। 18 नवंबर, 2024 को एफआईआर नंबर 0789/2024 के तहत मामला दर्ज किया गया और गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। आयुष, दानिश और लव के साथ फरार हो गया। आयुष और दानिश बाद में उत्तर प्रदेश के हरदोई भाग गए।

    सूचना टीम और संचालनः
    एजीएस क्राइम ब्रांच की एक समर्पित टीम विभिन्न आपराधिक गिरोहों से जुड़े प्रमुख गिरोह के सदस्यों और शूटरों को ट्रैक करने और उन्हें पकड़ने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही थी। विश्वसनीय स्रोतों के माध्यम से उनकी गतिविधियों के बारे में निरंतर और विश्वसनीय जानकारी मिल रही थी। इस जानकारी को और अधिक परिष्कृत और सत्यापित करने के लिए, अतिरिक्त स्रोतों को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया था, और व्यापक तकनीकी निगरानी स्थापित की गई थी। इन गिरोह के सदस्यों और शूटरों के ठिकानों पर खुफिया जानकारी जुटाने के लिए एजीएस क्राइम ब्रांच टीम के सदस्य दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कई स्थानों पर तैनात थे।

    इसी बीच टीम को इन से जुड़ी एक खुफिया जानकारी मिली जिस पर काम करने और शूटरों को पकड़ने के लिए एसीपी नरेश कुमार की करीबी निगरानी में इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में एसआई अगम, मुकेश, बृज लाल, एएसआई नरेंद्र, सरेंडर, एचसी विनोद, श्याम सुंदर, मिंटू, दीपक, पप्पू, धर्मराज और सीटी धीरज की एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम के अथक प्रयासों का फल तब मिला, जब 06/01/2025 को उन्हें आयुष नामक एक वांछित शूटर के बारे में खुफिया जानकारी मिली, जो पीएस रणहौला में हत्या के प्रयास के मामले में शामिल था और विक्की टक्कर गिरोह से जुड़ा था। ओल्ड काकरोला रोड पर एक जाल बिछाया गया, जो द्वारका मोड़ गंदा नाला रोड, नई दिल्ली की ओर जाता है। आरोपी को चोरी की अपाचे मोटरसाइकिल चलाते हुए रोका गया। आरोपी का पीछा और थोड़े संघर्ष के बाद, छापा मारने वाली पार्टी ने सफलतापूर्वक काबू कर लिया। पूछताछ करने पर आरोपी की पहचान मोहन गार्डन निवासी 21 वर्षीय आयुष के रूप में हुई। तलाशी लेने पर एक मैगजीन और तीन जिंदा कारतूस के साथ एक अत्याधुनिक पी. बरेटा पिस्तौल बरामद हुई। इसके अलावा, आयुष द्वारा इस्तेमाल की गई अपाचे मोटरसाइकिल चोरी की पाई गई, जिसकी चोरी की रिपोर्ट ई-एफआईआर संख्या 040014/2024, धारा 303(2) बीएनएस के तहत तिलक नगर, दिल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। आगे की जांचः पूछताछ के दौरान आयुष ने खुलासा किया कि हमले के बाद वह और दानिश बिहार के समस्तीपुर में छिपे हुए थे। उसने यह भी खुलासा किया कि दो दिन पहले, नीरज बवाना गिरोह के सदस्यों ने आयुष के भाई आर्यन पर हमला किया था। बदले की भावना से आयुष ने नीरज गिरोह के आशीष उर्फ चिंटू को खत्म करने की योजना बनाई।

    आरोपी का परिचयः

    आयुष का जन्म दिल्ली के उत्तम नगर में हुआ था। उसके पिता का देहांत 2014 में हो गया था और उसकी मां एक ब्यूटी पार्लर में काम करती है। आयुष का बचपन परेशानियों से भरा रहा, जिसमें धूम्रपान, शराब और आपराधिक संबंध शामिल थे। वह तरुण थापा, दानिश और सलीम जैसे गिरोह के सदस्यों के साथ जुड़ गया, जो सभी विक्की टक्कर के गिरोह से जुड़े थे। आयुष एक सक्रिय शूटर था और अक्सर अवैध आग्नेयास्त्र रखता था। राजेश फड्डा के साथ तरुण के विवाद के बाद उसकी आपराधिक गतिविधियाँ बढ़ गईं, जो हत्या की साजिश में परिणत हुईं। अपनी हिंसक पृष्ठभूमि के बावजूद, आयुष राजेश की जान लेने से बाल-बाल बच गया, और उसकी संलिप्तता की जाँच जारी है। आरोपी आयुष की पहले से 7 मामलों में संलिप्त रहा है और हत्या के प्रयास के मामले में काफी समय से वांछित चल रहा था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही ताकि दूसरे आरोपियों और गिरोह के दूसरें सदस्यों को पकड़ा जा सके।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox