मानसी शर्मा /- प्रसिद्ध जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रशासन ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। जेएनयू ने छात्रों के लिए आदेश जारी किया है कि परिसर के 100 मीटर के दायरे में धरना देने और दीवार पर पोस्टर लगाने पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा और अगर मामला गंभीर होता है तो यूनिवर्सिटी से छात्र को निष्कासित किया जा सकता है। इसके साथ ही जेएनयू ने बताया कि किसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए छात्र को 10 हजार तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
जेएनयू का ये आदेश यूनिवर्सिटी के अलग अलग स्कूलों के अकादमिक भवन पर लागू होगा। जेएनयू के नए नियम के दायरे में कक्षाओं, प्रयोगशालाओं के अलावा अध्यक्षों, डीन और अन्य जरूरी पदाधिकारियों के कार्यालय भी शामिल हैं। हिंसा और झड़प पर रोक लगाने के लिए जेएनयू प्रशासन ने ये फैसला लिया है। अगर कोई छात्र भूख हड़ताल, धरना प्रदर्शन जैसी गतिविधियों में शामिल होता है तो उस पर 20,000 रुपए के जुर्माने के साथ दो महीने के लिए छात्रावास से निकाल दिया जाएगा।
वहीं अगर किसी छात्र पर पांच या उससे ज्यादा बार जुर्माना लगाया जा चुका है तो उसे अध्ययन की अवधि के लिए JNU से निकाल दिया जाएगा। यही नहीं जबरदस्ती घेराव, धरना या यूनिवर्सिटी के कामकाज को बाधित करने या हिंसा भड़काने वाले कार्य में लिप्त पाए जाने वाले छात्रों को भी सजा मिलेगी।
अगर कोई छात्र प्रतिबंधित कार्यों में दोषी पाया जाता है तो उसे अगले सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन की भी इजाजत नहीं मिलेगी। दूसरी तरफ प्रशासन की तरफ से जारी आदेश का जेएनयू छात्र संघ ने विरोध किया है। छात्र संघ ने नेताओं का कहना है कि ये आदेश परिसर में असहमति को दबाने का प्रयास है। जेएनयू से इसे वापस लेने की मांग की है।
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