• DENTOTO
  • चीन पर निर्भरता खत्म करने के लिए भारत समेत 14 देश मिलकर करेंगे काम

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 22, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    चीन पर निर्भरता खत्म करने के लिए भारत समेत 14 देश मिलकर करेंगे काम

    -कच्चे माल की कमी की समस्या से निपटने के लिए साथ आये ये देश, क्राइसिस रिस्पांस नेटवर्क किया गया स्थापित

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- चीन पर निर्भरता कम करने के लिए बने गुट को बड़ी सफलता मिली है। इस गुट में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इंडोनेशिया और मलेशिया समेत 14 देश शामिल हैं। इन 14 देशों ने शनिवार को इंडो-पैसिफिक इकॉनोमिक पार्टनरशिप (आईपीईएफ) के तहत सप्लाई चेन एग्रीमेंट में महत्वपूर्ण निष्कर्ष पर पहुंचने की घोषणा की है। इस एग्रीमेंट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आईपीईएफ के देश कच्चे माल की कमी जैसी स्थितियों से निपटने में एक-दूसरे का सहयोग करें। जिससे कोविड और अनावश्यक व्यापार प्रतिबंधों जैसी स्थिति में कम से कम नुकसान हो।

                    आईपीईएफ़ में 14 साझीदार देश हैं जिसमें अमेरिका और भारत भी शामिल हैं। इस समझौते में सूचना साझा करना और संकट के समय साथ में उस पर काम करना भी शामिल है। अमेरिका के डेट्रॉयट में आईपीईएफ़ देशों की दूसरी मंत्रीस्तरीय बैठक हुई जिसमें भारत की ओर से वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने वर्चुअली भाग लिया।

    बनाया जा रहा क्राइसिस रिस्पांस नेटवर्क
    इसके अलावा आईपीईएफ में शामिल देश इनके बीच बने आपातकालीन संचार नेटवर्क के माध्यम से सेमीकंडक्टर सप्लाई या शिपिंग लाइनों में दिक्कतों से निपटने के लिए एक साथ आ सकते हैं। इन देशों के बीच एक क्राइसिस रिस्पांस नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा सप्लायर्स और स्किल्ड मैनपावर का पता लगाने के लिए मैकेनिज्म बनाया जा रहा है। साथ ही देशों की निवेश जुटाने में भी मदद की जाएगी।

    ग्रुप चार चीजों पर कर रहा चर्चा
    सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण चीज लेबर राइट्स होंगे, जो आने वाले वर्षों में कुछ तनाव बढ़ा सकते हैं। इस प्रस्तावित डील के बारे में जानकारी अभी पब्लिक नहीं की गई है। टोक्यो में इस पहल की शुरुआत के ठीक एक साल बाद पहली डील पूरी हुई थी। 2022 की दूसरी छमाही में बातचीत शुरू हुई थी। यह ग्रुप चार पिलर्स पर डील के बारे में चर्चा कर रहा है। इनमें क्लीन एनर्जी, निष्पक्ष अर्थव्यवस्था और व्यापार भी शामिल है। आखिरी पिलर पर वार्ता में भारत शामिल नहीं है।

    अमेरिकी सरकार के साथ एशियाई देशों का गठजोड़
    आईपीईएफ की पहल को प्रमुख एशियाई देशों के साथ अमेरिकी सरकार के गठजोड़ के रूप में देखा जा रहा है। जिनमें से कुछ के अतीत में चीन के साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं, लेकिन अब उनके संबंध अलग हो गए हैं

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox