गुजरात में फैला पांच दिन में चांदीपुरा वायरस, अब तक हो चुकी है छह बच्चों की मौत

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 21, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

गुजरात में फैला पांच दिन में चांदीपुरा वायरस, अब तक हो चुकी है छह बच्चों की मौत

-चांदीपुरा वायरस बुखार-फ्लू का कारण बनता है, 1965 में पहली बार महाराष्ट्र में हुआ था इस वायरस का पहला मामला दर्ज

गुजरात/नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने सोमवार को कहा कि पिछले पांच दिनों में गुजरात में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस से छह बच्चों की मौत हो गई है, जिससे कुल संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। चांदीपुरा वायरस बुखार का कारण बनता है, जिसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। यह मच्छरों, किलनी और रेत मक्खियों जैसे रोगवाहकों द्वारा फैलता है।
बुखार और फ्लू जैसे लक्षण देने वाले चांदीपुरा वायरस की चपेट में आने से गुजरात में बीते पांच दिनों में छह बच्चों ने जान गंवाई है। राज्यभर में इस बीमारी की चपेट में आने वाले बच्चों की कुल संख्या सोमवार को 12 हो गई। चांदीपुरा वायरस बुखार का कारण बनता है, जिसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इससे तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) भी होती है। यह रोगजनक रैबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलोवायरस जीनस का सदस्य है। यह मच्छरों, टिप्स और रेत में होने वाली मक्खियों से फैलता है। 1965 में महाराष्ट्र में पहला मामला दर्ज किया गया था। गुजरात में हर साल इस वायरस के मामले दर्ज होते हैं। भारत के अलावा एशिया व अफ्रीका के कुछ अन्य देशों में भी यह वायरस पाया जाता है।

गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने सोमवार को बताया कि इन 12 मरीजों में से चार साबरकांठा, तीन अरावली और एक-एक महिसागर और खेड़ा जिले से हैं। दो मरीज राजस्थान और एक मध्य प्रदेश से है। सभी का इलाज गुजरात में हुआ। पटेल ने कहा, राज्य में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के छह मरीजों की मौत हुई है, लेकिन नमूनों के नतीजे आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि ये मौतें चांदीपुरा वायरस के कारण हुई हैं या नहीं। छह में से पांच मौतें साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में हुई हैं। पटेल ने कहा कि साबरकांठा के आठ समेत सभी 12 नमूनों को पुष्टि के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एचआईवी) भेजा गया है। हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों ने 10 जुलाई को चार बच्चों की मौत का कारण चांदीपुरा वायरस होने का संदेह जताया था। पुष्टि के लिए उनके नमूने एचआईवी को भेजे थे। बाद में अस्पताल में चार और बच्चों में इसी तरह के लक्षण दिखे।

संक्रामक नहीं है चांदीपुरा वायरस
पटेल ने बताया कि चांदीपुरा वायरस संक्रामक नहीं है। हालांकि, प्रभावित इलाकों में गहन निगरानी की गई है। हमने 4,487 घरों में 18,646 लोगों की जांच की है। स्वास्थ्य विभाग बीमारी को फैलने से रोकने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है। पटेल ने कहा कि बुखार के अलावा उल्टी, दस्त और सिरदर्द इसके मुख्य लक्षण हैं। ये लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox