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    खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को किया सस्पेंड, आईओए से एडहॉक कमेटी बनाने को कहा,

    -बजरंग बोले- पद्मश्री वापस नहीं लूंगा, साक्षी कुश्ती खेलने पर दोबारा कर सकती है विचार

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- पिछले 11 महीने से विवादों में रहे रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यूएफआई को खेल मंत्रालय ने नई चयनित बॉडी के साथ सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) से रेसलिंग फेडरेशन के मामलों की मैनेजमेंट के लिए एडहॉक कमेटी बनाने को कहा है। बता दें कि डब्ल्यूएफआई की नई चयनित बॉडी से नाराज बजरंग पूतनया ने पीएम आवास पर पद्मश्री लौटा दिया था और रेसलर साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया था। बताया जा रहा है कि इसी दबाव में खेल मंत्रालय ने यह कार्यवाही की है ताकि खिलाड़ियों का मान-सम्मान बना रहे।

    खेल मंत्रालय के इस फैसले पर साक्षी मलिक की मां कृष्णा मलिक ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा- मेरी बेटी कुश्ती से संन्यास के फैसले पर दोबारा विचार करेगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ पर पद्मश्री रखकर आए पहलवान बजरंग पूनिया ने सम्मान वापस लेने से इनकार कर दिया है। बजरंग ने कहा- मैं पद्मश्री वापस नहीं लूंगा, न्याय मिलने के बाद ही मैं इस बारे में विचार करूंगा।

    गौरतलब है कि 3 दिन पहले यानी 21 दिसंबर को ही डब्ल्यूएफआई के चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह नए प्रेसिडेंट बने थे। नए अध्यक्ष की जीत के बाद डब्ल्यूएफआई ने 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के गोंडा में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा की थी। गोंडा भाजपा सांसद बृजभूषण का संसदीय क्षेत्र है। रेसलर्स ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। खेल मंत्रालय के डब्ल्यूएफआई की नई टीम पर कार्रवाई के पीछे इसी को वजह माना जा रहा है।

    डब्ल्यूएफआई की पिछली बॉडी में बृजभूषण के अध्यक्ष रहते संजय सिंह जॉइंट सेक्रेटरी थे। संजय सिंह चुनाव में कॉमनवेल्थ चैंपियन अनीता सिंह श्योराण को हराकर नए अध्यक्ष बने थे। संजय की जीत के बाद बृजभूषण के बेटे ने कहा था कि हमारा दबदबा पहले था और आगे भी रहेगा।

    अगले आदेश तक आईओए देखेगा डब्ल्यूएफआई का मैनेजमेंट – खेल मंत्रालय
    खेल मंत्रालय ने आईओए प्रेसिडेंट को लेटर दिया है, जिसमें कहा है कि डब्ल्यूएफआई के मामलों को नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड के मुताबिक नियंत्रित किया जाए।

    अगले आदेश तक आईओए खिलाड़ियों की एंट्रीज, सिलेक्शन, इंटरनेशनल इवेंट्स और स्पोर्ट्स एक्टिविटी सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी निभाए। मंत्रालय ने आगे कहा कि रेसलिंग ओलिंपिक स्पोर्ट है और फेडरेशन आईओए का मेंबर है। डब्ल्यूएफआई के पूर्व पदाधिकारियों का अब भी कंट्रोल होने की वजह से फेडरेशन में गंभीर चिंता पैदा हो गई है। इस कारण आईओए को एडहॉक कमेटी बनाने के लिए कहा गया है।

    संजय सिंह बोले- हमने नियमों का उल्लंघन नहीं किया
    संजय सिंह ने खेल मंत्रालय के एक्शन पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा- हमने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है, हम सरकार से ॅथ्प् का सस्पेंशन रद्द करने की मांग करेंगे। अगर सस्पेंशन नहीं हटाया गया तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। संजय सिंह ने आगे कहा कि मैंने कहीं भी पहलवानों का कोई अपमान नहीं किया। मैं गोंडा जिले के नंदनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में 3 दिवसीय नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन किया था, ताकि अंडर-15 और अंडर- 20 के बच्चों का साल न बर्बाद हो और वह कुश्ती चैंपियनशिप में हो जाएं।

    वहीं, बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने इस मामले पर कहा कि इस मामले को लेकर मुझे अभी कोई बयान नहीं देना है। मुझे खेल मंत्रालय की तरफ से अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। जैसे ही खेल मंत्रालय से मेरी बात होती है। आप लोगों को जानकारी दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बृजभूषण भाजपा अध्यक्ष नड्डा के घर पहुंचे हैं।

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