
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/भावना शर्मा/- उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान जेलों में भीड़ कम करने के लिए रिहा किए गए सभी दोषियों एवं विचाराधीन कैदियों को 15 दिन में आत्मसर्मण करने के आदेश दिये हैं। न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि महामारी के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए ऐहतियात के तौर पर आपातकालीन जमानत पर रिहा किए गए विचाराधीन कैदी आत्मसमर्पण के बाद सक्षम अदालतों से नियमित जमानत का अनुरोध कर सकते हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान रिहा किए गए सभी दोषी आत्मसमर्पण के बाद अपनी सजा के निलंबन के लिए सक्षम अदालतों से अनुरोध कर सकते हैं.’’ कई दोषियों और विचाराधीन कैदियों को उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों पर वैश्विक महामारी के दौरान विभिन्न राज्यों से रिहा किया गया था. इनमें से अधिकतर कैदियों के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हैं, जो जघन्य प्रकृति के नहीं हैं.
More Stories
दिल्ली: 20 अप्रैल से 5 मई तक पूरे देश में वक्फ संशोधन जागरूकता अभियान चलाएगी बीजेपी
राज्य में हिंसा, RSS जिम्मेदार- ममता बनर्जी, मुर्शिदाबाद हिंसा में घिरीं बंगाल सीएम का बड़ा आरोप
जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में बाढ़ ने मचाई तबाही, राष्ट्रीय राजमार्ग किए बंद
देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए SC ज़िम्मेदार- निशिकांत दुबे, राजनीति मैदान में मचा हंगामा
उन्नत प्याज की खेती को लेकर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन
नजफगढ़ विधायक नीलम पहलवान ने किया राव तुलाराम अस्पताल का औचक दौरा