• DENTOTO
  • कोरोना पर स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन जारी

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 8, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    कोरोना पर स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन जारी

    -खांसने, छींकने और बात करने से फैल रहा कोरोना वायरस,

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- देश में कोरोना संक्रमण के मामले कम नहीं हो रहे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान दो लाख 80 हजार से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के फैलाव और उसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं से संबंधित एक नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि कोरोना का संक्रमण मुख्य रूप से हवा के माध्यम से और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बातचीत करने पर निकलने वाली छोटी बूंदों के माध्यम से फैल रहा है, जबकि पिछले साल जून में ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो गाइडलाइन जारी की थी, उसमें बताया गया था कि कोरोना का संक्रमण मुख्य रूप से तब फैलता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाता है।
                               हाल ही में केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के दफ्तर की ओर से जो गाइडलाइन जारी की गई थी, उसमें बताया गया था कि किसी संक्रमित व्यक्ति की छींक और खांसी के माध्यम से कोरोना वायरस हवा में 10 मीटर की दूरी तक जा सकता है और स्वस्थ व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है।
                          स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन में जो अन्य बदलाव किए गए हैं, उसमें आइवरमेक्टिन और स्टेरॉयड का इस्तेमाल और प्लाज्मा थेरेपी को लेकर है। गाइनलाइन के मुताबिक, कोरोना के कम या हल्के लक्षण वाले मामलों में आइवरमेक्टिन दवा खाली पेट दिन में एक बार तीन से पांच के लिए दी जा सकती है, लेकिन ध्यान रहे कि गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवा नहीं देनी है। पिछले साल की अगर सरकार की गाइडलाइन देखें तो आइवरमेक्टिन को उसमें शामिल नहीं किया गया था।
                             नई गाइडलाइन के मुताबिक, संक्रमण के हल्के लक्षण वाले केस में मरीज को स्टेरॉयड देने की कोई जरूरत नहीं होती, लेकिन अगर मरीज को संक्रमण के सात बाद भी बुखार और अधिक खांसी जैसे लक्षण हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर उसे ओरल स्टेरॉयड दिया जा सकता है।
    स्वास्थ्य मंत्रालय की पिछले साल की गाइडलाइन में प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना के इलाज की सूची में शामिल किया गया था, जबकि इस बार इसे हटा दिया गया है, यानी अब कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल नहीं होगा।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox