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  • कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर आरजेएस पीबीएच का महत्वपूर्ण वेबिनार आयोजित

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    कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर आरजेएस पीबीएच का महत्वपूर्ण वेबिनार आयोजित

    -सकारात्मक व्यक्तित्व रतन टाटा को आरजेसियंस ने दी श्रद्धांजलि

    नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-   राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) द्वारा आज “कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर 271वां वेबिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का संयोजन संस्थापक उदय कुमार मन्ना ने किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को उजागर करना और उनके समाधान पर चर्चा करना था।

    आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य

    कार्यक्रम में चर्चा के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि वर्तमान में आत्महत्या की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर उन कर्मचारियों में जो काम के दबाव में हैं। सह-आयोजक सुरजीत सिंह दीदेवार ने बताया कि हमें अपने दिल को मन और बुद्धि पर हावी नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने प्रकृति के नियमों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त करने के तरीकों पर जोर दिया, जैसे कि सही आहार और स्वास्थ्यवर्धक विचारों को अपनाना।

    विशेषज्ञों की राय

    मुख्य अतिथि डॉ. सुनील मित्तल, एक कंसलटेंट साईकियाट्रिस्ट और साईकोथेरेपिस्ट, ने कार्य-जीवन संतुलन को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि लोग जब काम, समय और क्षमता में तालमेल नहीं बैठाते, तो मानसिक समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने सलाह दी कि रात को जल्दी सोना और योग-व्यायाम करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। डॉ. मित्तल ने बंगलौर में एक महिला कर्मचारी की आत्महत्या का उदाहरण देकर यह भी बताया कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना आवश्यक है।

    मेडिकल सोशल एक्टिविस्ट और दिल्ली मेडिकल काउंसिल के उपाध्यक्ष, डॉ. नरेश चावला ने शिक्षा पद्धति में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि बच्चों को बचपन से ही शिष्टाचार और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सिखाने की जरूरत है।

    व्यक्तिगत अनुभव

    डॉ. चावला ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने 138 बार रक्तदान किया है, जो समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाता है। उन्होंने जापान का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां बच्चों को शिष्टाचार सिखाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

    कार्यक्रम का समापन

    कार्यक्रम में अन्य विशिष्ट व्यक्तियों, जैसे सतेन्द्र सुमन त्यागी, दुर्गादास आजाद, इसहाक खान, डॉ. मुन्नी, डॉ. हरीश खुराना, आर एस कुशवाहा, आकांक्षा, और मयंक ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के संचालक उदय मन्ना ने टेक्निकल टीम को धन्यवाद दिया और सभी को 14 अक्टूबर 2024 को होने वाले विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस और धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

    इस वेबिनार ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया और इसे कार्यस्थल पर लागू करने के उपायों पर विचार करने के लिए एक मंच प्रदान किया। आरजेएस पीबीएच द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाएंगे, ताकि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा सके और समाज में जागरूकता बढ़ाई जा सके।

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