कार्यक्रम कर्ता नहीं कार्यकर्ता बनें

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कार्यक्रम कर्ता नहीं कार्यकर्ता बनें

-दिल्ली अध्यापक परिषद की तीन दिवसीय कार्यकर्ता अभ्यास बर्ग की हुई शुरूआत

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली अध्यापक परिषद द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के पहले सत्र में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्रीमान महेंद्र कपूर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने अभ्यास वर्ग का महत्व बताते हुए कहा कि हमे मै का त्याग कर हम की बात करनी चाहिए तथा अपने संगठन को नये आयामों तक पंहुचाने के लिए हम कार्यक्रम कर्ता नहीं बल्कि कार्यकर्ता बनें।  
                   विदित हो कि दिल्ली अध्यापक परिषद  कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग की शुरुआत माननीय जयभगवान गोयल, संरक्षक दिल्ली अध्यापक परिषद तथा माननीय मोहनलाल जी समन्वय व समाजसेवी की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन तथा श्री कुशेन्द्र सिसोदिया द्वारा सरस्वती वन्दना से हुई। ऑनलाइन हो रहे कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र गोयल,महामंत्री, दिल्ली अध्यापक परिषद ने किया। अध्यापक परिषद के प्रदेश अध्यक्ष श्री वेद प्रकाश  ने परिषद के गठन,संरचना,उद्देश्य तथा कार्यपद्धति पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि परिषद हमेशा से राष्ट्र हित छात्र हित व शिक्षक हित मे कार्य करती रही है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बारे में बताते हुए माननीय जगदीश कौशिक जी ने कहा कि देश हमें सब कुछ देता है। अतः देश के लिए हम भी कुछ करें, ऐसी सोच के साथ शैक्षिक महासंघ का गठन किया गया है, जो पुरे भारत के सभी राज्यों मे केजी से पीजी तक की शिक्षा व्यवस्था मे कार्यरत है।
                       अभ्यास वर्ग के पहले सत्र को संबोधित करते हुए माननीय महेन्द्र कपूर, संगठन मन्त्री, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,ने ष्कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग का महत्व विषय पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि एक कार्यकर्ता को सब कुछ आना चाहिए। संगठन का निर्माण विशेष परिस्थिति मे,खास उद्देश्यों को लेकर हुआ है। इसका मार्ग तय है,लक्ष्य तय है। हम सभी को लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करना है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता का अर्थ है संगठन का कार्य करने वाला। इनका हर वर्ष अभ्यास वर्ग इसलिए होता है कि बार-बार चर्चा करने से बात मन में बैठ जाती है। अभ्यास वर्ग में सामुहिक जीवन जीना,परिवार की तरह रहना, व्यक्तिगत सुविधाओं को त्याग कर समाज और देश के बारे में चिन्तन करना सीखते हैं।अपने दायित्व से सम्बंधित कार्यों को सीखते हैं। जिज्ञासाओं को शांत करते हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे सिर्फ ष्कार्यक्रम कर्ता न बनें बल्कि कार्यकर्ता बने, नियमित और नैमित्य कार्य मे लगें। मैंको त्याग कर हम की बात करें। संगठन की एक पद्धति है उसका पालन करें। जैसे एक बीज समाप्त होकर एक वृक्ष बनता है और दूसरों को फल और छाया देता है वैसे ही कार्यकर्ताओं को अपने को खपाकर संगठन और समाज हित में कार्य करना चाहिए।
                        अभ्यास वर्ग के दूसरे सत्र में ष्कोरोना काल में  कार्यकर्ता की भुमिकाष् विषय पर बोलते हुए डॉ अशोक त्यागी,उपनिदेशक शिक्षा,जोन 23, ने कहा कि मानवता खतरे में है। अतः सभी कार्यकर्ताओं को तीन शब्द – सम्पर्क, संवाद, सम्बन्ध पर कार्य करना चाहिए। पीड़ित परिवारों से सम्पर्क करना, उनसे संवाद करना, सम्बन्ध बनाना बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली अध्यापक परिषद जैसे संगठन के कार्यकर्ता होने के नाते आपका काम बढ़ जाता है।आप राष्ट्र और समाज की चिंता करनेवाले संगठन से जुड़े हैं।उन्होंने पीड़ित परिवार से बात करने, उनकी जरूरतों को समझने, उनकी काऊंसिल करने, बुजुर्गों से बात करने, स्थानीय स्तर पर मिलकर परेशान परिवार की खोजबीन करने, उन तक सरकारी सुविधाएं पहुंचाने में सहयोग करने का कार्यकर्ताओं से आह्वान भी किया। विशेषकर अनाथ बच्चों की हर प्रकार से मदद करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को च्।ब् के जवानों की तरह हर प्रकार की ड्यूटी करनी पड़ रही है। लेकिन दूसरे रूप में देखें तो आप सभी देश की सेवा में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ष्पाश्चात्य सभ्यता दुनिया को बाजार और व्यक्ति को खरीदार मानती हैष्।लेकिन भारत दुनिया को एक परिवार मानता है,जहां हर एक को सम्मान पूर्वक जीने का अधिकार है। पहले दिन के अभ्यास वर्ग का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ।

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