नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पंजाब के सियासी हालात और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति के मुद्दे पर मनीष तिवारी के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल भी मुखर हो गए हैं। उन्होने कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने व सिद्धू प्रकरण पर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पार्टी का कोई अध्यक्ष ही नही है तो आखिर कौन पार्टी के फैसले ले रहा है। साथ ही उन्होंने कहा, ’’एक बात तो स्पष्ट है कि हम ’जी हुजूर 23’ नहीं हैं। हम अपनी बातें रखते जाएंगे और मांगें दोहराएंगे। अभी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है। हमें नहीं पता कि फैसले कौन ले रहा है।’’
पंजाब में सियासी हलचल इसलिए तेज है क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को अचानक पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जबकि उन्हीं की खेमेबंदी के कारण कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने को कह दिया था। सिब्बल से पहले बुधवार सुबह कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, ’’कैप्टन अमरिंदर सिंह बेहद बड़े कद के नेता हैं। इस समय पंजाब को सुरक्षित हाथों में रखा जाना चाहिए।’’
कपिल सिब्बल ने बुधवार को इसी मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, ’’हमारे लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं। सुष्मिता देव चली गईं। अभी गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री छोड़कर चले गए। उनके साथ कई और लोग छोड़कर चले गए। जितिन प्रसाद जी को मंत्रालय मिल गया। सिंधिया जी पहले ही चले गए थे। अभिजीत बनर्जी, ललितेश त्रिपाठी, केरल में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुधीरन चले गए। सवाल उठता यह है कि ये नेता क्यों छोड़कर जा रहे हैं? हम उनकी निंदा भी कर सकते हैं, लेकिन हमें खुद से पूछना होगा। शायद हमारी भी गलती रही हो। अभी पार्टी में कोई प्रेसिडेंट नहीं है। हमें नहीं पता कि फैसले कौन ले रहा है।’’
सिब्बल ने कहा कि सीडब्ल्यूसी में चर्चा हो कि ऐसा क्यों हो रहा है। सोचना होगा कि कांग्रेस कैसे आगे बढ़े। पार्टी के अंदर संवाद की जरूरत है। आपसी बातचीत से मामले सुलझाए जाएं। सिब्बल ने कहा कि मैंने कभी पार्टी के खिलाफ बयान नहीं दिया। उन्होंने मजबूत विपक्ष की बात उठाते हुए कहा कि कांग्रेस को मजबूत होना होगा। अगर कांग्रेस कमजोर होगी तो विपक्ष भी कमजोर होगा। हम संसद में अपनी आवाज कैसे उठाएंगे।
जी-23 नेताओं के बारे में सिब्बल ने कहा कि हम उनमें से नहीं हैं जो पार्टी छोड़कर कहीं चले जाएंगे। हम मजबूत हैं। जो लोग पार्टी नेतृत्व के करीब थे, उन्होंने ही पार्टी छोड़ी है और जिन्हें करीबी नहीं समझा जाता है वे अब भी उनके साथ डटे हुए हैं। सिब्बल ने पंजाब में सियासी अस्थिरता को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि एक सीमावर्ती राज्य में ऐसा होना ठीक नहीं है। इससे पाकिस्तान और आईएसआई को फायदा मिलता है। हम पंजाब का इतिहास जानते हैं और अतिवादियों का उदय भी देख चुके हैं। कांग्रेस को एकजुट रहने की जरूरत है।
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अर्जेंट बैठक बुलाने के लिए कहा है। सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी है।
-कांग्रेस से क्यों पार्टी छोड़कर जा रहे हैं लोग,
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