मानसी शर्मा / – राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने मुसलमानों को किनारे करने के लिए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। ओवैसी ने कहा, ‘बाबरी मस्जिद जिंदाबाद, बाबरी मस्जिद जिंदाबाद…मस्जिद थी, है और रहेगी. केंद्र पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, ‘क्या मोदी सरकार सिर्फ एक धर्म की सरकार है? क्या मोदी सरकार सिर्फ हिंदुत्ववादी सरकार है? क्या देश का कोई धर्म है? देश में कोई धर्म नहीं है.. आप मुसलमानों को क्या संदेश दे रहे हैं?
‘क्या मैं बाबर, औरंगजेब, जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं?’
अयोध्या का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘क्या मोदी सरकार सिर्फ एक धर्म की सरकार है? या ये पूरे देश के धर्मों को मानने वाली सरकार है? 22 जनवरी का जश्न मनाकर आप करोड़ों मुसलमानों को क्या संदेश दे रहे हैं? क्या यह सरकार यह संदेश देना चाहती है कि एक धर्म ने दूसरे धर्म पर विजय प्राप्त कर ली है? आप देश के 17 करोड़ मुसलमानों को क्या संदेश देते हैं? 1992, 2019, 2022 में मुसलमानों को धोखा दिया गया, मैं बाबर, औरंगजेब, जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं।
‘मैं राम का सम्मान करता हूं लेकिन नाथूराम से नफरत करता हूं’
6 दिसंबर 1992 के बाद देश में दंगे हुए. युवाओं को जेल में डाल दिया गया और बूढ़े बनकर बाहर आये. मैं राम का सम्मान करता हूं. लेकिन मुझे नाथूराम से नफरत है क्योंकि उसने उस व्यक्ति की हत्या कर दी जिसके अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे। आप ओवैसी से बाबर के बारे में क्यों पूछते हैं? बोस, नेहरू और हमारे देश के बारे में पूछ रहे हैं।’
ओवैसी ने कहा, ‘मुझे आश्चर्य है कि लोकसभा अलग-अलग आवाजों में कैसे बोल सकती है? 16 दिसंबर 1992 को इसी लोकसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें बाबरी मस्जिद विध्वंस की आलोचना की गई। मेरा मानना है कि इस देश में कोई धर्म नहीं है।’
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