मानसी शर्मा/- मेले में खेलते-खेलते 3 साल की मासूम बच्ची रास्ता भटक गई। घबराई हुई बच्ची इधर-उधर घूम रही थी कि तभी चौकी सेक्टर-10 द्वारका के पुलिसकर्मी ‘बजरंगी भाईजान’ बनकर सामने आए। कड़ी मशक्कत और मानवीय पहल के बाद बच्ची को सुरक्षित मां की गोद में पहुंचाया गया।
टास्किंग और टीम
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के डीसीपी द्वारका – श्री अंकित सिंह, आईपीएस ने रामलीलाओं में भीड़ के बीच गुमशुदा बच्चों और बुजुर्गों को परिवार से मिलाने के लिए खोया-पाया केंद्र स्थापित किए हैं। उनका प्राथमिक उद्देश्य है कि श्रद्धालु निडर होकर धार्मिक उत्सव का आनंद ले सकें।
इसी पहल के तहत, चौकी प्रभारी सेक्टर-10 द्वारका – एसआई रजत मलिक और हेड कॉन्स्टेबल शैतान सिंह (नं. 364/DW) ने, एसएचओ द्वारका साउथ श्री राजेश कुमार साह व एसीपी द्वारका श्री किशोर कुमार रेवाला के मार्गदर्शन में, सराहनीय कार्य किया।
सूचना और ऑपरेशन
बच्ची (निवासी कोलकाता) झूले के पास भीड़ में अपने परिवार से बिछड़ गई।
मेले में चूड़ा बेचने वाली महिला ने पहले परिजनों को ढूंढने की कोशिश की, पर जब असफल रहीं तो पुलिस को जानकारी दी।
मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने बच्ची को गोद में उठाकर प्यार-दुलार दिया ताकि वह सहज महसूस कर सके।
बच्ची बहुत छोटी होने के कारण अपनी जानकारी स्पष्ट नहीं दे पा रही थी, लेकिन पुलिस ने हिम्मत नहीं हारी।
मेले में मुनादी, डिजिटल स्क्रीन व अन्य माध्यमों से सूचना प्रसारित की गई।
अंततः बच्ची के परिजन पहुंचे और पहचान प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्ची को मां की गोद में सौंप दिया गया।
मानवीय पहल का नतीजा
जब बच्ची अपनी मां से मिली तो भावुक दृश्य देखने को मिला। मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस की इस संवेदनशील और तत्पर कार्रवाई की सराहना की।
खोया-पाया केंद्र पहल
डीसीपी द्वारका श्री अंकित सिंह, आईपीएस के नेतृत्व में रामलीला मैदानों में विशेष खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं।
यहां गुमशुदा बच्चों/बुजुर्गों की तस्वीरें और सूचनाएं तुरंत डिजिटल प्लेटफॉर्म्स व डिस्प्ले स्क्रीन पर प्रसारित की जाती हैं।
इस पहल से त्वरित और तकनीक-आधारित मदद मिल रही है तथा आमजन का विश्वास पुलिस पर मजबूत हो रहा है।
जन-प्रशंसा
त्योहारी भीड़-भाड़ में यह पहल गुमशुदा लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में अहम भूमिका निभा रही है। लोगों ने द्वारका पुलिस के इस प्रयास की खुले दिल से सराहना की है।
‘खोया-पाया मिशन’ ऑपरेशन मिलाप का मानवीय विस्तार है, जो सुरक्षा, सेवा और संवेदनशीलता की मिसाल पेश कर रहा है।


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