ईरान-अमेरिका आए आमने-सामने, कच्चे तेल में भारी उछाल

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 29, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

ईरान-अमेरिका आए आमने-सामने, कच्चे तेल में भारी उछाल

मानसी शर्मा / –   कोविड के बाद महंगाई दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बन गई और इसमें घी तब डाला जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ। जब केंद्रीय बैंकों के हस्तक्षेप से महंगाई नियंत्रित होने लगी तो इजराइल और हमास के बीच संघर्ष शुरू हो गया। अब इसी बहाने अमेरिका और ईरान टकराने की तैयारी में हैं।

इस नए गणित ने पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ा दिया है और कच्चे तेल की कीमतों में आग लगा दी है, क्योंकि ईरान ओपेक देशों में तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है। देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कहां तक ​​पहुंचेंगी।

भिड़ने की तैयारी में ईरान-अमेरिका

ईरान के हमास के पक्ष में आने के बाद अमेरिका और उसके सहयोगी भी उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की तैयारी में हैं। हाल ही में सीरिया में ईरानी दूतावास पर इजराइल के हमले से यह तनाव और बढ़ गया है। वहीं इजराइल और हमास के बीच मिस्र के काहिरा में शुरू हुई नए दौर की बातचीत से संभावित युद्धविराम की उम्मीद भी तब धराशायी हो गई जब इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि गाजा के राफा एन्क्लेव पर हमले की तारीख तय हो गई है।

इससे बाजार की बाकी उम्मीदें भी धराशायी हो गईं और ब्रेंट क्रूड ऑयल एक बार फिर 90 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गया है। वहीं वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड ऑयल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है और यह 85.85 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई है।

क्या भारत में बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम?

भारत में काफी समय से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। फिलहाल देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं, जिसके चलते इनकी कीमतें जल्द बढ़ने की उम्मीद नहीं है। लेकिन चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हेरफेर देखने को मिल सकता है। इसका कारण भारत का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक होना है।

भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है। इस वजह से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत काफी हद तक कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्भर करती है। हालाँकि, सरकार इस पर टैक्स बढ़ाकर या घटाकर इसकी कीमतों को नियंत्रित करती है।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox