इसरो का सबसे छोटा रॉकेट एसएसएलवी-डी-2 सफलतापूर्वक लॉन्च

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

इसरो का सबसे छोटा रॉकेट एसएसएलवी-डी-2 सफलतापूर्वक लॉन्च

-तय समय में पृथ्वी की कक्षा में पंहुचाये 3 सैटेलाइट्स, इनमें स्पेस स्टार्टअप का आजादी सैट-2 भी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/श्रीहरिकोटा/शिव कुमार यादव/- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र की लांच पैड से अपने नए व लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी-डी-2) के दूसरे संस्करण को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। हालांकि इससे पहले एसएसएलवी-डी-1 की लांचिंग फेल हो गई थी।
            एसएसएलवी-डी2 ने सफलतापूर्वक तीनों सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने तीनों सैटेलाइट को ऑर्बिट में सही जगह पहुंचाने के लिए टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एसएसएलवी-डी1 के दौरान जब दिक्कतें आईं, हमने उनका विश्लेषण किया और जरूरी कदम उठाए और यह सुनिश्चित किया कि इस बार लॉन्चिंग सफल रहे।
             इससे पहले एसएसएलवी-डी2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी, जिनमें अमेरिकी की कंपनी अंतारिस की सैटेलाइट जेनस-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट आजादी सैट-2 और इसरो की सैटेलाइट ईओएस-07 शामिल थी। ये तीनों सैटेलाइट्स 450 किलोमीटर दूर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किए गए।

लोअर ऑर्बिट में लॉन्च करने में काम में लाया जाएगा
इसरो के अनुसार, एसएसएलवी 500 किलोग्राम तक की सैटेलाइट को लोअर ऑर्बिट में लॉन्च करने में काम में लाया जाता है। यह रॉकेट ऑन डिमांड के आधार पर किफायती कीमत में सैटेलाइट लॉन्च की सुविधा देता है। 34 मीटर लंबे एसएसएलवी रॉकेट का व्यास 2 मीटर है। इस रॉकेट का वजन 120 टन है।

बीते साल अगस्त में असफल हो गई थी उड़ान
इस रॉकेट की पहली उड़ान बीते साल अगस्त में असफल हो गई थी। बीते साल एसएसएलवी की पहली उड़ान के दौरान रॉकेट के दूसरे चरण के पृथक्करण के दौरान कंपन महसूस होने के कारण लॉन्चिंग सफल नहीं हो सकी थी। साथ ही रॉकेट का सॉफ्टवेयर उपग्रहों को गलत कक्षा में लॉन्च कर रहा था, जिसके चलते इसरो ने एसएसएलवी की लॉन्चिंग को रद्द कर दिया था।

कुल वजन 175.2 किलोग्राम
एसएसएलवी-डी2 का कुल वजन 175.2 किलोग्राम है, जिसमें ईओस सैटेलाइट का वजन 156.3 किलोग्राम, जेनस-1 का वजन 10.2 किलोग्राम और आजादी सैट-2 का वजन 8.7 किलोग्राम है। इसरो के अनुसार, एसएसएलवी रॉकेट की लागत करीब 56 करोड़ रुपए है।

इस साल कई मिशन को अंजाम देगा इसरो
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि फिलहाल हम जीएसएलवी मार्क 3 की लॉन्चिंग की तैयारी कर रहे हैं। जीएसएलवी मार्क 3 वन वेब इंडिया की 236 सैटेलाइट को एकसाथ लॉन्च करेगा। यह  लॉन्चिंग मार्च महीने के मध्य में होगी। इसके अलावा इसरो पीएसएलवी-सी55 के प्रक्षेपण की भी तैयारियों में जुटा है। मार्च के अंत तक यह लॉन्चिंग हो सकती है। इसरो चीफ ने बताया कि हम रियूजेबल लॉन्च व्हीकल की लैंडिंग पर भी काम कर रहे हैं। वर्तमान में एक टीम चित्रदुर्ग में लैंडिंग साइट पर मौजूद है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ दिनों में हम लैंडिंग की प्रैक्टिस शुरू कर देंगे। एस सोमनाथ ने कहा कि इस साल कई सारे मिशन होने हैं। खासकर गगनयान कार्यक्रम को लेकर भी तैयारियां चल रही हैं।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox