तेल अवीव/शिव कुमार यादव/- इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग का आज तीसरा दिन है। इस बीच इजराइल ने हमास को जड़ से मिटाने का संकल्प लेते हुए गाजा बॉर्डर पर एक लाख सैनिक भेजें है। वही हमास के हमले में अब तक 700 इजराइलियों की मौत हुई है, 2100 घायल हैं। दूसरी तरफ इजराइल की तरफ से गाजा में हुई एयर स्ट्राइक से 436 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, 2000 से ज्यादा घायल हैं।
इस बीच इजराइली डिफेंस फोर्स के स्पोक्सपर्सन ने कहा- हमास को जड़ से मिटा देंगे। ये सुनिश्चित करेंगे कि जंग के बाद हमास के पास कोई मिलिट्री केपेबिलिटी और गाजा को गवर्न करने की क्षमता न रहे। इसके लिए इजराइल ने हमास से लड़ने के लिए गाजा के पास एक लाख अतिरिक्त सैनिकों को भेजा है। इधर, अमेरिका ने इजराइल को मिलिट्री सपोर्ट देने की बात कही है। यूएस डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने कहा- मदद के लिए हमारे जहाज और लड़ाकू विमान इजराइल की तरफ बढ़ रहे हैं। हमने यूएस जेराल्ड आर फोर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर (वॉरशिप) को अलर्ट कर दिया है।
यूएन ने कहा- इजराइली हमलों के बाद गाजा में 1 लाख 23 हजार लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। करीब 74 हजार लोग स्कूलों में शेल्टर ले रहे हैं।
हमास ने बंधकों को सुरंगों में रखा
हमास ने दावा किया है कि उसने इजराइल के 163 लोगों को अगवा किया है। इन्हें गाजा पट्टी से लगी सुरंगों में रख रहा है। वह इन बंधकों का इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में करेगा, ताकि इजराइल हमला करे तो उसके ही लोग मारे जाएं। इसके पहले इजराइली डिफेंस फोर्स ने बताया था कि हमास ने महिलाओं और बच्चों समेत करीब 200 इजराइली लोगों को बंधक बना लिया है। सोशल मीडिया पर कई फोटो-वीडियोज वायरल हो रहे हैं जिनमें हमास के लड़ाके इजराइली नागरिकों को जबरदस्ती गाड़ियों में बैठाकर ले जाते दिखाई दे रहे हैं।
इजराइल में 18 हजार भारतीय, सभी सुरक्षित
तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक, इजराइल में 18,000 भारतीय रह रहे हैं। फिलहाल सभी सुरक्षित हैं। इजराइल पहुंचे भारतीय पर्यटकों ने दूतावास से सुरक्षित निकाले जाने की अपील की है।
वहीं, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और यूक्रेन ने उनके नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। दूसरी तरफ, नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा है कि उनके देश के 11 स्टूडेंट मारे गए हैं, जबकि 4 स्टूडेंट घायल हैं। नेपाल के विदेश मंत्री के मुताबिक, उनके 17 छात्र किबुत्ज इलाके में थे। जहां हमास ने फायरिंग की। दरअसल, हमास ने इजराइल में मौजूद दूसरे देशों के नागरिकों को भी कब्जे में लेना शुरू कर दिया है। वहां थाइलैंड के 2 नागरिकों की मौत हो गई है। थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने बताया है कि उनके 11 नागरिक हमास के कब्जे में है।
इजराइल ने हमास के 400 लड़ाके मारे
टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, इजराइली सेना ने गाजा पट्टी में हमास के 426 ठिकानों को तबाह कर दिया है। वहीं, अपने 29 से ज्यादा इलाकों को हमास के लड़ाकों के कब्जे से छुड़ा भी लिया है। इजराइल ने बताया है कि 8 अक्टूबर को जंग में उनके 73 सैनिकों की जान चली गई, जबकि उन्होंने हमास के 400 लड़ाके मार गिराए। कई लड़ाकों को पकड़ा भी गया है।
नेतन्याहू बोले- ये जंग लंबी चल सकती है, हम इसे जरूर जीतेंगे
जंग के बीच इजराइल के च्ड बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा- ये जंग लंबी चल सकती है। हम अपनी डिफेंस फोर्स की पूरी ताकत का इस्तेमाल करके हमास को तबाह कर देंगे। गाजा में रह रहे लोगों को बाहर निकल जाना चाहिए।
उन्होंने कहा- हमास हम सबकी हत्या करना चाहता है। वो मांओं और बच्चों को उनके घरों में मार रहा है। वो एक ऐसा दुश्मन है जो बुजुर्गों, बच्चों और लड़कियों को निशाना बनाता है। वो छुट्टियों का आनंद ले रहे बच्चों और आम नागरिकों का नरसंहार कर रहे हैं। इसके पहले 7 अक्टूबर को नेतन्याहू ने जंग का ऐलान किया था। कैबिनेट के साथ इमरजेंसी मीटिंग के बाद उन्होंने कहा था- ये जंग है और हम इसे जरूर जीतेंगे। दुश्मनों को इसकी कीमत चुकानी होगी।
अप्रैल से बनने लगे थे बड़े हमले के हालात
ताजा हमले के संकेत अप्रैल से मिलने लगे थे। दरअसल, वेस्ट बैंक इलाके में बार-बार इजराइली सैन्य अभियान चलाए जा रहे थे। तब गाजा ने इजराइल को उसी भाषा में जवाब देना तय किया। मई में इजराइल और हमास में छोटी लड़ाई हुई। एक हफ्ते बाद इजराइली हवाई हमलों में हमास के 3 नेता मारे गए। उस संघर्ष को मिस्र, यूएन ने खत्म कराया था।
1000 से ज्यादा फिलिस्तीनी इजराइल में घुसे
इजराइली सेना ने गाजा पट्टी के 7 इलाकों में लोगों से घर छोड़कर शहर में बने शेल्टर होम में जाने को कहा है। सेना यहां पर हमास के ठिकानों पर हमला करेगी। अलजजीरा के मुताबिक, 1000 से ज्यादा फिलिस्तीनी इजराइल में घुस गए हैं। 1948 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है।
’अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ’सोर्ड्स ऑफ आयरन ’
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ’अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। वहीं इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ’सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया है।
हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने शनिवार को कहा था- ये हमला यरूशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे। वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
ईरान हमास तो पश्चिमी देश इजराइल के साथ
हमास और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर दुनियाभर से प्रतिक्रिया आ रही हैं। पश्चिमी देशों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने हमास के हमले की निंदा की है। वहीं ईरान ने हमास का समर्थन किया है।
किस देश ने क्या कहा?
भारत- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- इजराइल में हुए आतंकी हमले की खबर से स्तब्ध हूं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और मृतकों के परिवार के साथ हैं। मुश्किल घड़ी में हम इजराइल के साथ हैं।
चीन- चीन ने इजराइल और फिलिस्तीन के बीच हो रही हिंसा के बढ़ने पर गहरी चिंता जताई है।
यूक्रेन- यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने इजराइल के खिलाफ हमास के हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा- हम इस जंग में इजराइल के साथ हैं। उन्हें अपनी और अपने नागरिकों की रक्षा करने का हक हैं।
ब्रिटेन- प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है- मैं हमास के हमले से हैरान हूं। इजराइल को अपनी सुरक्षा का पूरा अधिकार है।
फ्रांस- राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि दुख की घड़ी में वो हमास के हमले में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के साथ हैं।
ईयू- यूरोपियन यूनियन की चीफ उर्सला ने कहा है कि इजराइल को जवाबी कार्रवाई का पूरा हक है। हिंसा को रोकना जरूरी है।
अमेरिका- राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हमास के आतंकवादी इजराइली सैनिकों और नागरिकों को सड़कों और उनके घरों में मार रहे हैं, ये गलत है। इजराइल की मदद के लिए हम हर तरह से तैयार हैं। उसे अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है। उन्होंने अपनी टीम से इजराइल, फिलिस्तीन, न्।म्, तुर्किये के कॉन्टैक्ट में रहने के लिए कहा है। वहीं, अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि वो इस बात का ध्यान रखेंगे कि इजराइल को अपनी सुरक्षा में किसी तरह की कमी न रहे।
ईरान- सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई के एडवाइजर ने कहा है कि हम फिलिस्तीन के इजराइल पर किए अटैक का समर्थन करते हैं।
कतर- कतर ने इजराइलियों को फिलिस्तीनी लोगों के साथ हिंसा करने का जिम्मेदार ठहराया है ।
ऑस्ट्रेलिया- प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा कि हम इस समय अपने मित्र इजराइल के साथ खड़े हैं। इजराइल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है।
तुर्किये और रूस- दोनों ही देशों ने किसी की साइड न लेते हुए कहा है कि मसले का हल बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।
हमास में करीब 27 हजार लोग हैं
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के मुताबिक, हमास में करीब 27 हजार लोग हैं। इन्हें 6 रीजनल ब्रिगेड में बांटा गया है। इसकी 25 बटालियन और 106 कंपनियां हैं। इनके कमांडर बदलते रहते हैं।
हमास में 4 विंग हैं। मिलिट्री विंग के चीफ हैं- इज अद-दीन अल कासिम। पॉलिटिकल विंग की कमान इस्माइल हानिया के हाथों में हैं। इस विंग में नंबर दो पर हैं मूसा अबु मरजूक। एक और नेता हैं खालिद मशाल। इंटरनेशनल अफेयर्स के लिए यह मुस्लिम ब्रदरहुड पर निर्भर है। एक सोशल विंग भी है। इजराइल के उन हिस्सों पर कब्जा करना, जिनमें ज्यादातर फिलीस्तीनी हैं। एक स्वतंत्र देश के रूप में खुद को स्थापित करना। कई साल बाद अब हमास इजराइल को परेशान कर पाया है। इसके सदस्य आम लोगों की भीड़ में शामिल होकर इजराइली सैनिकों पर हमले करते हैं। इजराइल की ताकत के चलते अब ज्यादा मदद नहीं मिल पा रही। हर बार झड़प में हमास को ही नुकसान हुआ।
इजराइल में येरूशलम के अल-अक्सा मस्जिद में पुलिस और फिलिस्तीनियों की बीच झड़प हो गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर पवित्र मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, कुछ फिलिस्तीनियों ने खुद को पटाखों, लाठी और पत्थरों के साथ मस्जिद में बंद कर लिया था और बाहर बैरिकेडिंग लगा दी थी।
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