
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद से पूरे सूबे में हाई अलर्ट कर दिया गया है। यूपी में धारा-144 लागू कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से हर दो घंटे में रिपोर्ट मांगी है। इस बीच, खबर ये भी है कि पोस्टमार्टम खत्म होते ही अतीक और अशरफ को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया जाएगा। ऐसे में अब हम आपको इस हत्याकांड के बाद से अब तक हुए छह बड़े खुलासे बताने जा रहे हैं…
1.
48 घंटे से प्रयागराज में होटल लेकर रूके थे हमलावर
अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी, शनि और अरुण मौर्य के रूप में हुई है। तीनों बाइक सवार बदमाश मीडिया कर्मी बनकर आए थे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों 48 घंटे से प्रयागराज में एक होटल में कमरा लेकर रूके थे।
2.
अलग-अलग जिलों से आए थे तीनों हमलावर
अतीक और अशरफ को मारने वाले तीनों हमलावर अलग-अलग जिलों से आए थे। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर और सनी कासगंज का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सनी सिंह पहले भी जेल जा चुका है और जेल में ही वह भाटी गैंग के मुखिया सुंदर भाटी का खास बन गया है। उसके ऊपर सुंदर भाटी के लिए भी काम करने का आरोप है। हमीरपुर जेल में ही उसकी मुलाकात सुंदर भाटी से हुई थी।
3.
एक पर हत्या तो दूसरे पर 15 मुकदमे
पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों हत्यारोपियों पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीनों ने पुलिस को बताया कि वह अतीक और अशरफ को मारकर माफिया बनना चाहते थे। मालूम चला है कि शूटर अरुण पर पहले से एक हत्या का मामला दर्ज है। दूसरे हत्यारोपी सनी पर 15 मामले चल रहे हैं। लवलेश पर भी पहले से मुकदमा दर्ज है।
4.
हमलावर जिस बाइक से आए थे वो अब्दुल मन्नान के नाम पर दर्ज
अतीक और अशरफ की हत्या करने हमलावर जिस बाइक से आए थे, उसके बारे में भी खुलासा हुआ है। पता चला है कि ये न्च्70ड7337 नंबर की बाइक सरदार अब्दुल मन्नान खान के नाम से रजिस्टर्ड है। यह नंबर हीरो होंडा की पुरानी गाड़ी ब्क्-100े बाइक पर दर्ज है। जिसे तीन जुलाई 1998 को कैश देकर खरीदा गया था। बाइक कहां से लाई गई थी और किसने हत्यारों को दी, इसकी भी जांच चल रही है।
5.
तीनों हत्यारों के परिजन पहले ही कर चुके हैं किनारा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को पहले से ही उनके घर से बेदखल किया जा चुका है। तीनों के परिजनों ने कहा है कि उनका हत्यारों से कोई लेन-देन नहीं है।
6.
बड़ा माफिया बनने के लिए वारदात को अंजाम दिया
सूत्रों के अनुसार, पुलिस की पूछताछ में तीनों ने कहा है कि वह बड़ा माफिया बनना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। तीनों हत्यारों ने कहा कि वह कब तक छोटे-मोटे शूटर बने रहेंगे।
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