
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/राजस्थान :- निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार 75 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी कर रही है। यदि यह बात सही साबित होती है तो आंध्र प्रदेश और मध्यप्रदेश के बाद वह ऐसा करने वाला तीसरा राज्य बन जाएगा। खबर है कि राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए राजस्थान कौशल व आजीविका विकास निगम (आरएलएसडी), श्रम विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ की राजस्थान इकाई से सुझाव मांगे हैं।
गौरतलब है कि इस प्रस्ताव पर 19 सितंबर को सुबह 11 बजे आरएलएसडी में बैठक होगी। जिसमें आरएलएसडी के एमडी समिति शर्मा, उद्योग आयुक्त, अतिरिक्त श्रम आयुक्त और सीआईआई के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। राज्य की सभी औद्योगिक इकाईयां, फैक्ट्रीज, संयुक्त उद्यम सहित पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में चल रही परियोजनाओं में इसे लागू किया जाएगा।
यदि निजी कंपनियों को दक्ष युवा नहीं मिलते हैं तो कंपनियों की जरूरत के हिसाब से युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उद्योग संगठनों का कहना है कि इस प्रस्ताव में केवल नए उद्योगों को शामिल किया जाए। पुराने उद्योगों में इस समय 50 फीसदी से ज्यादा बाहरी लोग कार्य कर रहे हैं। निजी क्षेत्र में आरक्षण की बात करें तो मध्यप्रदेश ने 70 और आंध्र प्रदेश ने 75 फीसदी आरक्षण राज्य के निवासियों को दिया है। गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भी इस तरह के आरक्षण की मांग उठ रही है।
More Stories
भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में तुरूप का इक्का साबित हो सकते है बालकनाथ
करणी सेना चीफ के हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस ने किया जमीन-आसमान एक
गोगामेड़ी हत्याकांड के बाद राजस्थान बंद का ऐलान
कोटा में फिर आत्महत्या, नीट की तैयारी कर रहे छात्र ने किया सुसाइड
दोबारा सरकार बनी तो कौन होगा मुख्यमंत्री? सचिन पायलट ने किसकी तरफ किया इशारा?
राजस्थान में 2 गुटों के बीच तनाव, जमकर हुई पत्थरबाजी