नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नजफगढ़/- कृषि विज्ञान केंद्र उजवा द्वारा 10 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक मशरूम उत्पादन पर व्यवसायिक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में दिल्ली देहात के विभिन्न गांवों से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण के पश्चात युवा स्वयं का एक रोजगार स्थापित कर सकेगे।
इस अवसर पर केविके के मुख्य समन्वयक डा. पी के गुप्ता ने बताया कि मशरूम उत्पादन के लिए अधिक जमीन की आवश्यकता नहीं होती। इसे छोटे स्थान में भी उगाया जा सकता है। इसकी शुरुआत एक कमरे या झोपड़ी से भी की जा सकती है। बटन मशरूम जिसकी मांग साल भर बाजार में सबसे ज्यादा रहती है जिसे दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में 15 डिग्री से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान में प्राकृतिक अवस्था में अक्टूबर से मार्च तक किसान इसकी खेती कर सकते हैं। जो किसी परंपरागत तरीके से खेती करते हैं। उनकी तुलना में मशरूम की खेती कर कई गुना अधिक लाभ कमाया जा सकता है। इस प्रशिक्षण के दौरान बटन मशरूम उत्पादन की वैज्ञानिक विधि के साथ-साथ आफ्टर एवं दूधिया मशरूम गाना भी सिखाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान केंद्र के विशेषज्ञ डा देवेन्द्र राणा ने बटन मशरूम के लिए कंपोस्ट बनाने की लंबी एवं लघु विधि से बनाने की जानकारी एवं साथ ही साथ स्थान बनाना केसिंग बनाना भी सिखाया। उन्होंने बताया कि मशरूम घर कच्चा या पक्का या झोपड़ी नुमा कम लागत वाला भी काम में लिया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने मशरूम में लगने वाले कीट एवं रोगों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। इस प्रशिक्षण में प्रगतिशील मशरूम उत्पादक द्वारा भी नए प्रशिक्षक प्रशिक्षणार्थियों को सिखाने का मौका दिया। इस कार्यक्रम में केंद्र के विशेषज्ञ रितु सिंह, डॉक्टर समर पाल सिंह, राकेश कुमार, कैलाश व बृजेश सिंह ने भी प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम उत्पादन से संबंधित विभिन्न जानकारी दी।
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