• DENTOTO
  • कनाडा के बाद अब ब्रिटेन में किसान आंदोलन को लेकर उठी आवाज

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    July 20, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- देश में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर अब विदेशों से समर्थन मिलना शुरू हो गया है। देश और दुनिया के सिख और पंजाबी किसान इस आंदोलन से जुड़ रहे हैं। इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो किसान आंदोलन को लेकर अपना बयान दे चुके हैं तो वहीं अब ब्रिटेन के कुछ सांसदों ने ब्रिटेन सरकार को भारत सरकार से बात करने के लिए कहा है।

    सांसदों ने विदेश सचिव का लिखा पत्र
    ब्रिटेन के भारतीय मूल और पंजाब से संबंध रखने वाले 36 सांसदों ने किसान कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाने की बात कही है। सांसदों ने विदेश सचिव डॉमिनिक रैब को लिखा कि वो किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार से चर्चा करेंगे। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में लेबर, कंजरवेटिव और स्कॉटिश नेशनल पार्टी के पूर्व श्रम नेता जेरेमी कॉर्बिन, वीरेंद्र शर्मा, सीमा मल्होत्रा, वैलेरी वाज, नादिया व्हिटोम, पीटर बॉटमली, जॉन मैककॉलन, मार्टिन डॉकर्टी-ह्यूजेस और एलिसन थेवलिस शामिल हैं।

    ब्रिटिश सांसदों की मांग 
    पत्र में लिखा गया कि यह ब्रिटेन के सिखों और पंजाब से जुड़े लोगों के लिए चिंता का विषय है। कई ब्रिटिश सिखों और पंजाबियों ने अपने सांसदों के सामने इस मुद्दे को उठाया है। ऐसा बताया गया कि कई सांसदों ने हाल ही में भारतीय उच्चायोग को भारत के तीन कृषि कानूनों के प्रभाव के बारे में लिखा था। पत्र में जानकारी दी गई कि ये कानून किसानों को शोषण से बचाने और उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने में विफल हैं। इसके अलावा कई ब्रिटिश सांसदों ट्विटर पर किसान आंदोलन को लेकर कई तरह की टिप्पणियां भी की थीं। ब्रिटिश सिखों की ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री की अध्यक्ष प्रीत कौर ने किसान आंदोलन पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह उन नागरिकों के साथ व्यवहार करने का कोई तरीका नहीं है, जो विवादास्पद किसान विधेयक पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं। ये दिल्ली से चैंकाने वाला दृश्य है। उन्होंने कहा कि पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले उन्हें चुप कराने के लिए किया जा रहा है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox