नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/दिल्ली/- अब भारत में बढ़ती उम्र के असर को कम करने विशेष कर बड़ी संख्या में महिलाएं त्वचा में कसाव हेतु अलथिरैपी के लिए आगे आ रही हैं। वजह आसानी से समझ आती है कि इसमें जटिलताएं न्यूनतम हैं और रिकवरी में भी बहुत कम समय लगता है और यह भागदौड़ की जिन्दगी में जब समय का अभाव हो यह हम सभी की प्राथमिकता है। भारत में पहली बार डाॅ. टाटजना पैविसिक – ग्लोबल अलथिरैपी ट्रेनर और फैक्लटी, मर्ज इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज ने नई दिल्ली में डीपसी मास्टर कोर्स के दौरान पेश किए ।अनोखे ट्रीटमेंट पैकेज जो हर ग्राहक के हिसाब से हैं। इनमें बाॅटुलिनम टाॅक्सिन, फिलर्स और अलथिरैपी का संयोग होगा ताकि भारतीय मरीजों की जरूरत पूरी हो। इसका आयोजन विशेष कर भारत के अलथिरैपी यूजरों के लिए किया गया और इसका मकसद अलथिरैपी ट्रीटमेंट प्रोटोकाॅल के बारे में उनकी जानकारी बढ़ाना है। साथ ही, मर्ज एस्थेटिक्स सेरेंडेपीडीटी जर्नी (एमएएसजेआई) ट्रीटमेंट पैकेज के बारे में बताना है। अलथिरैपी कोलाजेन बढ़ाने का उपचार है और एकमात्र गैर-शल्य उपचार है जिसे एफडीए ने त्वचा को नया जीवन देने और डीकोलेटाज पर लकीरों और झुर्रियों को कम करने के उपचार के तौर पर मान्यता दी है। इस उपचार का विकास दुनिया की प्रमुख सौंदर्यवर्द्धन एवं न्यूरोटाॅक्सीन कम्पनियों में एक मर्ज एस्थेटिक्स ने किया है जो ग्लोबल मर्ज फार्मा ग्रुप का हिस्सा है। भारतीय सौंदर्य उद्योग कर्मियों को कौशल विकास का आधार देने के मकसद से यह आयोजन किया गया। लोगों का स्वागत् और आयोजन का परिवेश बनाते हुए श्री रेमंड, क्षेत्रीय व्यवासायिक निदेशक, मर्ज एस्थेटिक्स ने कहा, ‘‘अब तक पूरी दुनिया में 15 लाख अलथिरैपी ट्रीटमेंट किए गए हैं। लोगों ने इसे उत्साह से अपनाया इसलिए हम बहुत खुश हैं और लोगों को अन्य माध्यमों से अलथिरैपी देने के लिए उत्साहित हैं। हमें खुशी है कि दुनिया में एकमात्र कम्पनी टाॅक्सिन, डर्मल फिलर्स और ऊर्जा-आधारित उपकरणों की मदद से त्वचा को नया जीवन देने और त्वचा में कसाव का उपचार करती है। मर्ज इंडिया कंट्री मैनेजर मंजू गर्ग ने कहा, ‘‘वर्ष 2009 में यूएस एफडीए क्लियरेंस मिलने के बाद से अपनी बेहतर रोगी सुरक्षा और क्षमता को पहले की तरह बनाए रखते हुए अलथिरैपी अपनी तकनीकी में सुधार और परिवर्तन करता रहा है। यह देश के सौंदर्य और स्वास्थ्य उद्योग में यह एक नया महान अध्याय है।
क्या है अलथिरैपी:
अलथिरैपी माइक्रो-फोकस्ड अल्ट्रासाउंड तकनीक से खुद शरीर की हीलिंग प्रक्रिया तेज कर त्वचा को नया जीवन देता है। त्वचा की सतह को काटे या बाधित किए बिना उसकी गहरी परतों का उपचार करता है।
अलथिरैपी में माइक्रो-फोकस्ड अल्ट्रासाउंड तकनीक त्वचा की प्राकृतिक प्रतिक्रिया को तेज करता है जिससे पुनर्संरचना की प्रक्रिया अचानक शुश् हो जाती है। इसे नए कोलाजेन बनने की प्रक्रिया तेज होती है जो कुदरती तौर पर त्वचा में नया जीवन का प्रभाव देता है। इस उपचार के बाद परिणाम दो से तीन महीनों में दिखते हैं और छह महीनों तक और भी सुधार हो सकते हैं । अलथिरैपी 20 वर्ष के युवा से लेकर 70 वर्ष और इससे भी अधिक उम्र के बुजुर्ग तक पर असर करता है।
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