अदालते नही सैरगाह, राज्य सरकारें जानबूझ कर करती है अपील दायर करने में देरी-सुप्रीम कोर्ट

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
July 27, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

अदालते नही सैरगाह, राज्य सरकारें जानबूझ कर करती है अपील दायर करने में देरी-सुप्रीम कोर्ट

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राज्य सरकारें अपील दायर करने में जान-बूझकर देरी करती हैं, क्योंकि इन्हें अदालतें सैरगाह नजर आती हैं। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने पिछले दिनों मध्य प्रदेश सरकार की एक विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
न्यायालय ने इस दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकारें अपील दायर करने में जान-बूझकर देरी करती हैं, ताकि उन्हें यह कहने का बहाना मिल जाये कि याचिका खारिज हो गई। खंडपीठ ने कहा कि निर्धारित अवधि (लिमिटेशन पीरियड) की अनदेखी करने वाली राज्य सरकारों के लिए शीर्ष अदालत सैरगाह की जगह नहीं हो सकती कि जब मन में आया, चले आये। न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकारों को न्यायिक वक्त बर्बाद करने को लेकर खामियाजा भुगतना चाहिए तथा इसकी कीमत जिम्मेदार अधिकारियों से वसूली जानी चाहिए। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से भेरू लाल मामले में 663 दिनों की देरी से अपील दायर की गई थी। जिसपर कोर्ट ने याचिका खारिज कर 25 हजार जुर्माना भी लगाया।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox