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    फंड रिलीज करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे तीनों निगमों के मेयर

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली नगर निगम के तीनों मेयर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं। फंड की कमी को लेकर तीनों मेयर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे, जब मुख्यमंत्री नहीं मिले तो तीनों घर के बाहर ही मेन गेट पर धरने पर बैठ गए। दिल्ली में जगह जगह बीजेपी की ओर से 13 हजार करोड़ रुपये बकाये की मांग को लेकर पोस्टर भी लगाए गए हैं। धरने पर बैठे उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जयप्रकाश, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की महापौर अनामिका मिथिलेश और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर निर्मल जैन का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री नहीं मिलेंगे हम धरने पर ही बैठेंगे।
    दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की मेयर अनामिका मिथिलेश का कहना है कि हमने मिलने का समय मांगा था। हम लोग 4 महीने से रोज अपना मेल चेक कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री मिलने का समय देंगे, लेकिन हर दिन नकारात्मक रहता है। यह मैंने पांचवी या छठी बार पत्र लिखा है जब मुलाकात का समय मांगा है और अभी भी हम लोग नीचे बैठे हुए हैं। अगर हम सही नहीं हैं तो मुख्यमंत्री हमसे मुलाकात क्यों नहीं कर रहे हैं? हम अपना फंड लेकर रहेंगे. मेरी जिम्मेदारी हमारे कर्मचारियों के प्रति है। दक्षिणी दिल्ली नगर को दिल्ली सरकार ने 11 हजार करोड़ रुपये में से अभी सिर्फ 303 करोड़ रूपए दिए हैं।
    उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि सरकार के पास हर चैक पर प्लेकार्ड लेकर लोग खड़े करने के पैसे हैं। इन प्लेकार्ड में ऐसा कौन सा जादू है जिससे वायु प्रदूषण कम होता है। मैंने लैब में यह प्लेकार्ड भेजे हैं यह देखने के लिए कि क्या इन प्लेकार्ड को में प्रदूषण रोकने की ताकत है। दिल्ली सरकार बरगलाने का काम करती है। तीनों नगर निगम दिल्ली सरकार के अंतर्गत आते हैं अगर हम दिल्ली सरकार के अंतर्गत नहीं आते तो विधानसभा कमेटी में कमिश्नर को क्यों सम्मिलित किया है। संविधान में एक व्यवस्था बनी है कि राज्य सरकार निकाय को समय रहते पैसा देगी। नगर निगम का काम सुविधा देना है। हमारे पास डीजल, पेट्रोल और शराब बेचने के लिए नहीं है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 55,000 कर्मचारी हैं, 22,000 पेंशनर्स हैं. हमारा पैसा तो देना पड़ेगा ना।
    दिल्ली सरकार द्वारा नगर निगम पर करप्शन के आरोपों के जवाब में जय प्रकाश ने कहा कि 6 साल में दिल्ली सरकार के ऊपर करप्शन के कितने चार्ज लगे और नगर निगम पर कौन सा चार्ज लगा उसका हिसाब निकाल लीजिये, सरकार के कितने विधायक जेल गए हैं और हमारे कितने पार्षद जेल गए हैं उसका हिसाब निकाले पता लग जाएगा कौन करप्ट है और कौन साफ सुथरा है। 60 हजार करोड़ की सरकार, तीनों निगमों जिसका कुल बजट 20 हजार करोड़ है उनसे टकरा रही है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम का साढ़े 6 हजार करोड़ बकाया है और इस साल की बात करें तो 1100 करोड़ रुपया बकाया है।
    पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर निर्मल जैन के मुताबिक निगम के कर्मचारियों की तरफ से मैंने पिछले महीने 15 तारीख को बड़ी मार्मिक अपील मुख्यमंत्री से की थी। उनसे कहा था कि हमसे राजनीतिक द्वेष हो सकता है, लेकिन कर्मचारियों से क्या झगड़ा है। आप तुरंत फंड रिलीज करें ताकि हम उनकी तनख्वाह दे सकें। हम मिलने का टाइम मांगते हैं, लेकिन नहीं मिलता. मंत्रियों के यहां से कोई फाइल नहीं निकलती। 216 करोड़ रुपए हमारा पिछला काट लिया. बहुत आर्थिक दिक्कत में चल रहे हैं।
    मुख्यमंत्री की ओर से दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने तीनों मेयर को दिल्ली सचिवालय में 2 बजे मिलने का समय दिया लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम जयप्रकाश ने कहा कि हम मुख्यमंत्री से मिलने आये हैं अगर सत्येंद्र जैन के पास हमारी समस्या का समाधान होता तो ये समस्या, समस्या ही नहीं होती। मुख्यमंत्री पहले हमसे मिलें और फिर जिससे कहेंगे मिलने को हम मिल लेंगे। मुख्यमंत्री खुद को दिल्ली का बेटा कहते हैं, हम दिल्ली के बेटे से दिल्ली की जनता का समस्या का हल निकालने के लिये मिलने आये हैं।

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