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    June 5, 2025

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    ISKCON को क्यों निशाना बना रहे हैं कट्टरपंथी, क्या है इन समूहों का असली इरादा?

    मानसी शर्मा /-  बांग्लादेश में इन दिनों हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाएँ बढ़ गई हैं। हाल ही में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के बाद अब ISKCON पर बैन लगाने की मांग भी तेज हो गई है। यह सब तब हुआ जब 5अगस्त, 2024को प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई और वह भारत भाग गईं। इसके बाद से बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है।

    बता दें कि, कट्टरपंथी इस्लामी समूहों ने ISKCON को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इसके खिलाफ #BanISKCON और #ISKCONisTerrorist जैसे ऑनलाइन अभियान तेजी से फैल रहे हैं। इन समूहों का आरोप है कि ISKCON देश की सुरक्षा और सांप्रदायिक स्थिरता के लिए खतरा बन चुका है। इससे पहले, खुलना डिवीजन के मेहरपुर में एक ISKCON मंदिर को तोड़कर उसमें आग लगा दी गई थी। कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने भी ISKCON के खिलाफ रैलियां निकालीं और हिंसक नारे लगाए।

    नई सरकार पर कट्टरपंथियों का दबाव

    बांग्लादेश की नई यूनुस सरकार पर कट्टरपंथी इस्लामी समूहों को खुश करने और ISKCON पर हमले की अनुमति देने का आरोप है। इन समूहों ने ISKCON को अवामी लीग का समर्थक बताकर इसे निशाना बनाया है। सोशल मीडिया पर #BanISKCON जैसे हैशटैग ट्रेंड हो रहे हैं, जिससे इस्कॉन के खिलाफ माहौल और भी गर्म हो गया है।

    हिंदू समुदाय में असुरक्षा का माहौल

    बांग्लादेश में ISKCON का एक मजबूत नेटवर्क है और इसके मंदिरों की संख्या भी काफी अधिक है। ढाका, मेमनसिंह, राजशाही, रंगपुर, खुलना, बारिसाल, चटोग्राम और सिलहट जैसे शहरों में इसके मंदिर स्थित हैं। ISKCON न सिर्फ धार्मिक कार्यों में सक्रिय है, बल्कि सामाजिक सेवा में भी भाग लेता है। हाल ही में बांग्लादेश में आई बाढ़ में ISKCON ने गरीबों की मदद की थी। ISKCON पर बैन लगाने से हिंदू समुदाय में असुरक्षा का माहौल बनेगा और उनकी पहचान पर खतरा मंडराएगा।

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