लीक हुई चिट्ठी पर कांग्रेस कार्यसमिति में घमासान

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लीक हुई चिट्ठी पर कांग्रेस कार्यसमिति में घमासान

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी के नेतृत्व में बदलाव वाले पत्र को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जिन्होंने इस पत्र को लिखा वो भाजपा से मिले हुए हैं। प्रियंका गांधी भी इस पत्र को लेकर नेताओं पर बरसी। वहीं सोनिया गांधी ने भी पत्र के लीक होने को लेकर अपनी नाराजगी जताई तथा उन्ही नेताओं से अपना नेता चुनने की बात कही।
राहुल के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खासा नाराज हैं और उन्होंने राहुल पर पलटवार किया है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बैठक के बीच में ट्वीटर पर राहुल को निशान पर लेते हुए कई ट्वीट किए। लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की सफाई के बाद सिब्बल ने अपने ट्वीट हटा लिए। दूसरी तरफ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर इस्तीफे की पेशकश की है। राहुल गांधी की ओर से कथित तौर पर बीजेपी की मदद करने का आरोप लगाए जाने से आहत आजाद ने कहा कि यदि वह किसी भी रूप में बीजेपी की मदद कर रहे थे तो इस्तीफा दे देंगे। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि पार्टी में सुधार को लिखा गया लेटर बीजेपी से मिलीभगत का नतीजा है। राहुल ने लेटर की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाए। गुलाम नबी आजाद की सफाई से असंतुष्ट प्रियंका गांधी ने कहा कि जो आप कह रहे हैं वह उससे ठीक उलट है जो आपने लेटर में लिखा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी राहुल गांधी की कथित टिप्पणी को लेकर उनपर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 30 वर्षों में भाजपा के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया, इसके बावजूद हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, श्श्राहुल गांधी का कहना है कि श्हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं। राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखते हुए सफल हुआ। मणिपुर में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने करने के लिए पार्टी का पक्ष रखा। पिछले 30 वर्षों से किसी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया। फिर भी श्हम भाजपा के साथ साठगांठ कर रहे हैं।श्श् हालांकि, बाद में उन्होंने इस ट्वीट को हटा लिया और एक अन्य ट्वीट में लिखा कि राहुल गांधी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से बताया है उन्होंने वह नहीं कहा, जो उनके हवाले से बताया गया है।
इस बीच पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस बात से इनकार किया है कि राहुल गांधी ने लेटर लिखने वाले नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया है। कपिल सिब्बल को टैग करते हुए ट्वीट किया है कि राहुल गांधी ने इस तरह का एक भी शब्द नहीं कहा है।
यहां बता दें कि जिन नेताओं ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं उनमें राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, राजिंदर कौर भट्टल , पूर्व मंत्री मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, एम वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, सांसद मनीष तिवारी, पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, संदीप दीक्षित शामिल हैं। इस पत्र में पार्टी की इकाइयों के पूर्व प्रमुख राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह और कुलदीप शर्मा के भी दस्तखत हैं।
इन नेताओं ने पूर्णकालिक नेतृत्व की नियुक्ति की भी मांग की है, जो सक्रिय हो और जिससे कार्यकर्ता और नेता आसानी से संपर्क कर सकें। समझा जाता है कि सुधार के पक्षधर नेताओं ने पार्टी संगठन में प्रखंड स्तर से लेकर कार्यसमिति के स्तर तक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की भी मांग रखी है। दरअसल, सोमवार को हुई इस बैठक में इस चिट्ठी को लेकर काफी विवाद हुआ। यहां तक कि सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी। हालांकि, कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें ऐसा नहीं करने को कहा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्यप्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया। सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी बैठक के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि पत्र (पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी) को उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो कुछ लिखा गया है उसपर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक था न कि मीडिया।

गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष मंजूर नहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन-
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की डिजिटल बैठक आरंभ होने के साथ पार्टी मुख्यालय के बाहर कई कार्यकर्ता जमा हो गए और उन्होंने कहा कि उन्हें गांधी परिवार के बाहर का अध्यक्ष स्वीकार नहीं है। इन कार्यकर्ताओं का हाथों में तख्ती लेकर नारेबाजी करना इस बात का संकेत है कि नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के भीतर टकराव बढ़ रहा है। इन कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के समर्थन में नारेबाजी की।

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