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    CM हाउस में होता था सेटलमेंट”, लालू यादव के साले सुभाष यादव ने बताई किडनैपिंग इंडस्ट्री की कहानी

    मानसी शर्मा/- बिहार की सत्ता पर 15 सालों तक लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की अगुवाई राष्ट्रीय जनता दल काबिज रही। 1990 से 2005 तक के कालखंड को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी ने जगंलराज का पर्याय बना दिया। पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा दिग्गज नेता रहे सुशील कुमार मोदी ने राजद सरकार के खिलाफ जमकर मुहिम चलाई और बिहार की जनता के मन में इस बात को बैठाने में कामयाब रहे कि सूबे में जंगलराज है। हालांकि, राजद ने हमेशा इस आरोपों को नकारा।

    लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एकबार फिर लालूराज में अपराध की कहानियां आनी शुरु हो गई है। 90 के दशक में बिहार की राजनीति का अध्ययन करने वालों को दो नाम जरुर पता होगा। साधु यादव और सुभाष यादव। एक समय में इन दोनों ही नेताओं के नाम के आगे बाहुबली लगता था। इनकी पहचान बस इतनी सी है कि ये दोनों भाई लालू प्रसाद यादव के साले हैं। इसी पहचान के बल पर इन्होंने बिहार की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। हालांकि, पिछले कई सालों से इन दोनों का ही लालू परिवार से कोई वास्ता नहीं है। लेकिन बीच-बीच में इनके बयानों से लालू यादव की खूब राजनीतिक आलोचना होती है। अब एक बार फिर सुभाष यादव का एक बयान सामने आया है, जिसने बिहार की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

    किडनैपिंग इंडस्ट्री का किया खुलासा कभी बिहार में साधु यादव और सुभाष यादव को लालू सरकार की दो अहम पहियों के रुप में देखा जाता था। ये दोनों ही ट्रांसफर-पोस्टिंग फिक्स करते थे और सूबे में तमाम ठेकेदारियां किसे देना है, ये तय करते थे। अब सुभाष यादव ने लालू राज को लेकर जो बातें कही है, उससे बवाल मचना तय है। पूर्व राज्यसभा सांसद और पूर्व विधान परिषद सदस्य सुभाष यादव ने एक यूट्यूब चैनल सिटी लाइव के पत्रकार श्रीकांत प्रत्यूष से बात करते हुए 90 के दशक में चल रहे किडनैपिंग इंडस्ट्री का पर्दाफाश किया। सुभाष यादव ने कहा, “हम लोग कभी कुछ किए ही नहीं तो किसी मामले में फंसते कैसे आपको पता होगा। एक किडनैपिंग हुई थी। पूर्णिया साइड में। अररिया मे। खूब पइसा लिया। किसके ऊपर आरोप लग रहा था। जाकिर हुसैन पर आरोप लगा था, अभी भी जिंदा हैं, शहाबुद्दीन के फोन, प्रेमचंद गुप्ता के फोन, लालू यादव के फोन जाता था जाकिर हुसैन के पास। कि छोड़ दो। लेकिन वो नहीं लिया था।

    दूसर कोई किया था। बिहार का था। सहरसा जिला का रहने वाला था। काला दियरा में रखे था उसको, नाव पर। हमलोग को सब पता था।” साथ ही जब उनसे पूछा गया कि क्या इसमें सीएम हाउस की भी कोई भूमिका थी?तो सुभाष यादव ने कहा, “”हां एकदम हुआ था। प्रेमचंद गुप्ता, लालू जी ने फरियाया था। जो आदमी किया वो मर गया। ई लोग तो खुद फरियाता था, शहाबुद्दीन, लालू यादव, प्रेमचंद गुप्ता। उस मामले में।” “6 करोड़ रुपया लिया था” इसी कहानी को आगे बताते हुए सुभाष यादव ने कहा, “वो में टेकरीवाल साहब फायर हो गए थे, उन्हीं के रिश्तेादारी था कोई, उन्हीं के पास आ रहा था मीटिंग करने। किडनैप हो गया। इ में कौन दू राय है। 6 करोड़ रुपया लोग लिया, दिल्ली में लिया रुपया।

    अग्रवाल बनिया लिया। लेकिन कौन लिया ये तो बनिया बताएगा न। कि हम बताएंगे।””जाकिर को इ लोग बार बार टॉर्चर करता था, जाकिर मेरे पास रहता था, मेरे साथ था, मेरे कहने पर पार्टी में आया था। उ सारी चीज बताता था, भइया इ लोग धमका रहा है हमको, फलना फलना ने किया है।”

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