नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले के प्राचीर से आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण और दूरगामी घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि लड़कियों की शादी की उम्र में बदलाव किया जाएगा। उन्होंने कहा, लड़कियों में कुपोषण की समस्या को खत्म करने के लिए, उनकी शादी की सही आयु तय करने के लिए हमने एक समिति का गठन किया है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही उम्र में बदलाव किया जायेगा।
बता दें कि अभी देश में लड़कियों की शादी की कानूनी आयु 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष है। कम उम्र में मां बनने वाली लड़कियों में एनीमिया और कुपोषण जैसी समस्याएं बेहद आम हैं। साल 2001 की जनगणना के अनुसार 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग के बीच 81.4 फीसदी महिलाएं विवाहित होती हैं। शादी की आयु का मुद्दा लंबे समय से बहस का मामला रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी समय-समय पर महिला और पुरुष दोनों के लिए विवाह की समान आयु की जरूरत की बात कही है। 140 देशों में महिला और पुरुष दोनों के लिए विवाह की कानूनी आयु 18 वर्ष है।
वहीं केंद्रीय बजट 2020-21 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि साल 1978 में तत्कालीन शारदा अधिनियम 1929 को संशोधित कर लड़कियों की शादी की आयु को 15 वर्ष से बढ़ाकर 18 वर्ष किया गया था। जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, महिलाओं के लिए भी उच्च शिक्षा और करियर के रास्ते खुल रहे हैं। मातृ मृत्यु अनुपात को कम करने की और पोषण स्तर को बढ़ाने की जरूरत है। लड़कियों के मां बनने की आयु के पूरे मुद्दे पर फिर से विचार करने की जरूरत है। वित्त मंत्री के इस बयान के बाद जून में सामाजिक कार्यकर्ता जया जेटली की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया था।
यह टास्क फोर्स मां बनने की आयु से संबंधित मामलों और इससे संबंधित परिस्थितियों के साथ मातृ मृत्यु दर को कम करने के उपाय, महिलाओं में पोषण स्तर बढ़ाने के उपाय और इससे संबंधित मामलों का अध्ययन कर रही है। इस टास्क फोर्स को इन क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए अपनी राय भी देनी है और साथ ही उचित कानूनों और संशोधनों का उल्लेख भी करना है जिससे कि उनकी राय को सही तरीके से क्रियान्वित किया जा सके। जानकारी के अनुसार इस टास्क फोर्स को अपनी रिपोर्ट सरकार के पास 31 जुलाई तक जमा करनी था, लेकिन अभी तक रिपोर्ट जमा नहीं की गई है।भारत में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल है, लेकिन केंद्र सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत में लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र बढ़कर 18 साल से 21 साल हो सकती है। केंद्र सरकार ने इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जिसमें जया जेटली के अलावा नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल, स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, प्राथमिक और उच्च शिक्षा और विधायी विभाग के सचिव, नजमा अख्तर, वसुधा कामथ और दीप्ति शाह शामिल हैं।
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