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आत्मनिर्भर बिहार के लिए भाजपा का संकल्प पत्र जारी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/पटना/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। भाजपा ने गुरुवार को संकल्प पत्र आत्मनिर्भर बिहार का रोडमैप 2020-25 जारी किया जिसमें तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति करने सहित शिक्षा, चिकित्सा एवं अन्य क्षेत्रों में 19 लाख नए रोजगार देने, कोरोना वायरस का निरूशुल्क टीका लगाने, महिलाओं के लिए सूक्ष्म वित्तपोषण की नई योजना लाने और बिहार को सूचना प्रौद्योगिकी का केंद्र बनाने सहित 11 संकल्प व्यक्त किए गए हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाजपा का यह संकल्प पत्र जारी किया जिसे आत्मनिर्भर बिहार का रोडमैप 2020-25 का नाम दिया गया है। इसके तहत पांच सूत्र, एक लक्ष्य, 11 संकल्प रखे गए हैं। इसके साथ ही पार्टी ने भाजपा है, तो भरोसा है का नारा भी दिया है। इस दौरान भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चैबे, नित्यानंद राय, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि बिहार एक ऐसा राज्य है जहां सभी नागरिक राजनीतिक रूप से संवेदनशील और अच्छी तरह से सूचित हैं और वे उन वादों को जानते और समझते हैं जिन्हें पार्टी करती है। उन्होंने कहा, हमने भरोसे को आधार मानकर संकल्प पत्र तैयार किया है। हमारे हर संकल्प पत्र में वादे को पूरा करने की प्रतिबद्धता होती है। इसलिए जब कभी हमारे घोषणापत्र के बारे में पूछा जाता है तब हम उन्हें विश्वास के साथ जवाब दे सकते हैं कि हमने जो वादा किया था, उसे पूरा करते हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के पिछले 15 वर्षों के शासन में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) तीन फीसदी से बढ़कर 11.3 फीसदी हो गया है। बिहार का बजट 2005 के 23 हजार करोड़ रूपये से बढ़कर दो लाख करोड़ रूपये हो गया है, कृषि विकास दर दो प्रतिशत से बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो गई, बिजली उत्पादन 22 फीसदी से बढ़कर अब 100 फीसदी हो गया और प्रति व्यक्ति आय में भी काफी वृद्धि दर्ज की गई।
सीतारमण ने कहा कि 2005 से पहले के औद्योगिक उत्पादन का सतत आंकड़ा नहीं मिला है क्योंकि पूर्व की सरकार की प्राथमिकता औद्योगिक विकास नहीं था। राजग सरकार के दौरान प्रदेश की औद्योगिक विकास दर 17 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राजग ने सुशासन पर ध्यान दिया, जनता की भलाई के लिए काम किया जबकि पूर्व के (2005 से पहले) 15 साल के जंगल राज के दौरान ऐसा नहीं हुआ।

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