भाजपा में शामिल नही होंगे सचिन पायलट, कयासों पर लगाया विराम

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

भाजपा में शामिल नही होंगे सचिन पायलट, कयासों पर लगाया विराम

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/जयपुर/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- राजस्थान की राजनीति में आए भूचाल के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने पहली बार अपनी बात रखी है। सचिन पायलट से एक इंटरव्यू में जब पूछा गया कि आखिर वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज क्यों हैं? तो उन्होंने कहा कि वह गहलोत से नाराज नहीं हैं। उन्होंने गहलोत से कोई खास ताकत नहीं मांगी थी लेकिन उनकी आवाज को दबाया गया। अफसरों को उनका आदेश न मानने के लिए कहा गया। उन्होने भाजपा में शामिल होने को लेकर लगाये जा रहे कयासों पर विराम लगाते हुए कहा कि वह बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे हैं।
पार्टी से बगावत के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया सचिन पायलट ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए बीजेपी के साथ साजिश रची। कांग्रेस से इस बढ़े झटके बाद भी मंगलवार को सचिन पायलट की कोई बड़ी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई, हालांकि इस इंटरव्यू में उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी है।
सचिन पायलट से जब अशोक गहलोत से नाराजगी का सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि ‘मैं उससे नाराज नहीं हूं। मैं किसी विशेष शक्ति या विशेषाधिकार की मांग नहीं कर रहा हूं। मैं बस इतना चाहता था कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने चुनावों में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने की दिशा में काम किया।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘हमने वसुंधरा राजे सरकार के अवैध खनन पट्टों के खिलाफ एक अभियान चलाया, ताकि तत्कालीन बीजेपी सरकार को उन आवंटन को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़े। लेकिन सत्ता में आने के बाद गहलोत जी ने कुछ नहीं किया, बल्कि उसी रास्ते पर चले।’
पायलट ने बताया कि उन्हें और उनके समर्थकों को न सम्मान मिला और न प्रदेश के विकास के लिए काम करने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने इस इंटरव्यू में बताया कि, ‘नौकरशाहों को मेरे निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए कहा गया था, फाइलें मेरे पास नहीं भेजी गईं।’ वो बताते हैं कि मंत्रिमंडल की बैठकें और सीएलपी की बैठकें महीनों तक नहीं हुई थीं।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox