रायपुर/कांकेर/उमा सक्सेना/- जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने कांकेर जिले के अमामुड़ा (बड़े तिवड़ा) गांव में हुई घटना को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम को न सिर्फ अमानवीय बल्कि संविधान की मूल भावना के विरुद्ध बताया है। पार्टी अध्यक्ष अमित जोगी ने स्पष्ट कहा कि इस घटना के विरोध में बंद नैतिक रूप से उचित है, लेकिन जिस कारण को सामने रखकर बंद बुलाया गया है, वह वास्तविक मुद्दे से भटकाने वाला है।
‘यह केवल गांव की घटना नहीं, राष्ट्र की अंतरात्मा पर आघात’
अमित जोगी ने कहा कि अमामुड़ा में जो हुआ, वह किसी एक समुदाय या क्षेत्र तक सीमित मामला नहीं है। यह घटना देश की सामूहिक चेतना को झकझोरने वाली है। उन्होंने कहा कि एक मृत व्यक्ति की कब्र को खोदकर उसके शव को बाहर निकालना किसी भी सभ्य, संवेदनशील और लोकतांत्रिक समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकता।
उन्होंने सामाजिक कहावत का उल्लेख करते हुए कहा कि “गड़े मुर्दे नहीं उखाड़े जाते”, लेकिन इस गांव में ठीक इसके विपरीत हुआ, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया।
संविधान प्रदत्त अधिकारों का खुला उल्लंघन
जेसीसीजे अध्यक्ष ने कहा कि भारत का संविधान हर नागरिक को अपने धर्म, आस्था और विश्वास के अनुसार सम्मानजनक अंतिम संस्कार या दफन का अधिकार देता है। यह अधिकार सीधे तौर पर
अनुच्छेद 21 (जीवन और मानवीय गरिमा),
अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता),
और अनुच्छेद 300A (कानून द्वारा संरक्षित संपत्ति का अधिकार)
से जुड़ा हुआ है।
अमित जोगी ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान किसी भी सत्ता या प्रशासन को यह अधिकार नहीं देता कि वह मृत व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाए या उसके परिजनों से अंतिम संस्कार का अधिकार छीन ले।
‘बंद का समर्थन है, लेकिन असली मुद्दे के लिए’
उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा,
“मैं बंद का समर्थन करता हूं, लेकिन इसलिए नहीं कि दफनाया जाना गलत था, बल्कि इसलिए कि दफनाने का अधिकार छीना गया। यही असली मुद्दा है।”
उनका कहना था कि पूरे मामले में ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि किस तरह संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ और यह सब उसी राज्य तंत्र के माध्यम से हुआ, जिसने संविधान की रक्षा की शपथ ली है।
समांतर बंद और सामाजिक एकजुटता की अपील
इसी मुद्दे को केंद्र में रखते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने समांतर राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। पार्टी ने समाज के सभी वर्गों, धर्मों और विचारधाराओं से राजनीति से ऊपर उठकर इस अमानवीय कृत्य के विरोध में एकजुट होने की अपील की है।
पार्टी ने लोगों से एक दिन का प्रार्थना और उपवास रखने का भी आग्रह किया है, ताकि
दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जा सके,
और इस अमानवीय कृत्य के लिए सामूहिक प्रायश्चित हो।
‘यह मानवता और संविधान का अपमान’
अंत में अमित जोगी ने कहा कि यह मामला केवल एक व्यक्ति के साथ अन्याय का नहीं है, बल्कि यह मानवता, संविधान और भारत की आत्मा पर सीधा आघात है।
उन्होंने अपने बयान का समापन करते हुए कहा—
“जय छत्तीसगढ़। जय संविधान।”


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