बरेली/उमा सक्सेना/- बरेली में “आई लव मोहम्मद” के समर्थन में हुए बवाल की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। मंगलवार को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद ताजीम नामक आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसने दंगे के दौरान पुलिस पर फायरिंग की थी। उसके पैर में गोली लगी और बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। ताजीम पर पशु तस्करी के मामले भी दर्ज हैं। इस घटना से जुड़े अब तक 73 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मंगलवार को ही 16 और उपद्रवियों को पुलिस ने पकड़ा है।

बिहार और पश्चिम बंगाल से जुड़े उपद्रवी
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि बरेली बवाल में शामिल कुछ उपद्रवी बाहरी राज्यों से आए थे। कोतवाली पुलिस ने मंगलवार को 14 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो आरोपी हरमेन रजा और नेमतुल्ला बिहार के पूर्णिया जिले के निवासी निकले। दोनों नौमहला मस्जिद में ठहरे हुए थे और घटना के बाद बिहार भागने की फिराक में थे। इसके अलावा, सोमवार को जेल भेजे गए दो आरोपी बिहार और पश्चिम बंगाल से थे। इससे पुलिस की यह आशंका सच साबित हुई कि उपद्रवियों को बाहरी जिलों और राज्यों से बुलाया गया था।
सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और डिलीट की गई चिट्ठी
पुलिस की जांच में सामने आया है कि प्रशासन के कहने पर मौलाना से बातचीत के बाद नफीस व नदीम ने जनता से शांति बनाए रखने का पत्र जारी किया था। इसे संगठन के व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक पेज पर डाला गया। हालांकि, संगठन के सदस्य फरमान ने कुछ मिनट बाद ही यह पोस्ट डिलीट कर दी। इसके बाद उसने शुक्रवार सुबह मौलाना तौकीर रजा का एक भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जिसमें मौलाना पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे थे। वीडियो में मौलाना ने कहा कि “कर्फ्यू लगाओ, गोली चलाओ या लाठी, हमें परवाह नहीं।” यह पोस्ट बवाल को भड़काने में अहम भूमिका निभाती दिख रही है।

प्रशासनिक कार्रवाई: बारातघर और चार्जिंग स्टेशन पर गिरी गाज
बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) ने मौलाना तौकीर रजा के करीबी शराफत के नरियावल स्थित बारातघर को अवैध निर्माण के आरोप में सील कर दिया। साथ ही नगर निगम ने सपा पार्षद उमान रजा खान के दो चार्जिंग स्टेशनों को ध्वस्त कर दिया, जो निगम की जमीन और नाले पर बनाए गए थे। यह कार्रवाई प्रशासन की सख्ती और अवैध निर्माण पर नकेल कसने का संकेत है।
अब तक 73 गिरफ्तार, कार्रवाई जारी
बरेली पुलिस के अनुसार अब तक कुल 73 उपद्रवी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मंगलवार को आईएमसी के जिलाध्यक्ष शमशाद समेत 15 आरोपियों को जेल भेजा गया, जबकि एक नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा गया। पुलिस का कहना है कि नफीस और उसके बेटे फरमान के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं कि उन्होंने बवाल भड़काने में सक्रिय भूमिका निभाई। जांच एजेंसियों का कहना है कि अगर और किसी की संलिप्तता सामने आती है, तो उसे भी किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।


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