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  • प्रवासी भारतीयों के हिन्दी कवि सम्मेलनों को फिर से शुरू करवाने में मदद करेगा पॉजिटिव मीडिया

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    प्रवासी भारतीयों के हिन्दी कवि सम्मेलनों को फिर से शुरू करवाने में मदद करेगा पॉजिटिव मीडिया

    -आरजेएस संस्थापक के 59वें जन्मदिन पर वैश्विक सकारात्मकता मिशन की महत्वपूर्ण उपलब्धि

    नई दिल्ली/- राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) के संस्थापक श्री उदय कुमार मन्ना ने 17 जनवरी, 2025 को अपने 59वें जन्मदिन के अवसर पर “अमृत काल का सकारात्मक भारत-उदय” कार्यक्रम के 311वें एपिसोड के दौरान अपनी हालिया उपलब्धियों का जश्न मनाया। इस कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय प्रवासियों को एकजुट करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में संगठन की सफलता पर चर्चा की।

    कार्यक्रम के दौरान आरजेएस पीबीएच के सदस्य और विभिन्न प्रमुख हस्तियों ने श्री मन्ना को उनके जन्मदिन की बधाई दी और उनके नेतृत्व में सकारात्मक भारत-उदय वैश्विक आंदोलन में सहभागी होने की इच्छा व्यक्त की। इस अवसर पर अशोक कुमार मलिक, मयंक माथुर, सत्येन्द्र-सुमन त्यागी, राजेंद्र सिंह कुशवाहा, स्वीटी पॉल, इशहाक खान, बिन्दा मन्ना, मयंक, आकांक्षा और सुरेंद्र सेठी जैसे वक्ताओं ने श्री मन्ना के कार्यों की सराहना की और उनके सकारात्मकता फैलाने के प्रयासों की महत्ता पर जोर दिया।

    समीक्षा बैठक में दीप माथुर ने बताया कि इस आयोजन में एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष और चांसलर डॉ. संदीप मारवाह, साथ ही इंग्लैंड, अमेरिका और जापान से आए प्रमुख व्यक्तित्वों ने भाग लिया। डॉ. मारवाह ने विदेशों में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आरजेएस पीबीएच के प्रयासों की सराहना करते हुए शॉल ओढ़ाकर और मोमेंटो देकर उनका सम्मान किया।

    इस कार्यक्रम में आयोजित समीक्षा बैठक में आरजेएस पीबीएच के राष्ट्रीय पर्यवेक्षक श्री अशोक कुमार मलिक ने संगठन की आगामी 10-सूत्री कार्य योजना की बात की, जो आने वाले दशक में संगठन की गतिविधियों के लिए एक ठोस रणनीति के रूप में काम करेगी। मलिक ने कहा, “मन्ना जी ने हमें एक रास्ता दिखाया है, जिसकी आज दुनिया को सख्त आवश्यकता है।”

    उदय कुमार मन्ना ने अपने उद्घाटन भाषण में सकारात्मक कार्यों के दस्तावेजीकरण और वैश्विक एकता की भावना को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारे प्रकाशनों का उद्देश्य सकारात्मक कार्यों को दस्तावेजित करना और समाज में सकारात्मकता को फैलाना है।” उन्होंने आगामी वर्षों में “सकारात्मक दशक” के रूप में 2047 तक 10-सूत्री कार्य योजना को लागू करने का संकल्प लिया। इसके अंतर्गत प्रवासी भारतीयों के हिंदी कवि सम्मेलनों को फिर से शुरू करवाने और मीडिया के माध्यम से सकारात्मकता फैलाने की योजना शामिल है।

    इस अवसर पर श्री मन्ना ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता श्री रामजग सिंह (से.नि. एसडीओ) और श्रीमती जनक दुलारी देवी के आशीर्वाद को दिया, जिनकी प्रेरणा ने उन्हें इस आंदोलन को आगे बढ़ाने में मदद की।

    स्वीटी पाल, जो कि इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) की पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक हैं, ने यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से आरजेएस के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए अपने विचार साझा किए। उन्होंने अपने कार्यक्रमों में विज्ञापनों को शामिल करने का सुझाव भी दिया।

    सत्येन्द्र-सुमन त्यागी ने कहा, “मन्ना जी सभी को एकजुट करते हैं और समाज में सकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं। उनका दृष्टिकोण हमें एक बेहतर और सकारात्मक समाज की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।”

    आरजेएस के एक लंबे समय से सहयोगी इशहाक खान ने श्री मन्ना के बारे में कहा, “वह अच्छाई के बिखरे हुए ‘सुनहरे फूलों’ को इकट्ठा करने वाले एक समाजसेवी और विद्वान हैं। उनका मार्गदर्शन और कार्य हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।”

    कार्यक्रम का समापन सभी आरजेएस सदस्यों से वैश्विक सकारात्मकता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील के साथ हुआ।

    यह कार्यक्रम न केवल एक जश्न था, बल्कि एक मजबूत संकल्प का प्रतीक भी था, जो भारतीय समाज को और विशेष रूप से प्रवासी भारतीयों को एकजुट करने और उन्हें उनकी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने के लिए उठाया गया है।

    “सकारात्मकता का यह संदेश अब दुनिया भर में फैलने जा रहा है, और हम सभी इस आंदोलन का हिस्सा बनकर एक उज्जवल भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं,” श्री मन्ना ने अपने समापन भाषण में कहा।

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