
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- पुरुषों की तुलना में महिलाएं कहीं न कहीं अधिक व्यस्त होती हैं, क्योंकि उन्हें घर से लेकर ऑफिस तक हर जगह के कामों के बीच संतुलन बनाए रखना होता है। इस दौरान वे अक्सर अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पातीं, जिससे उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पीसीओएस (PCOD) भी उन्हीं समस्याओं में से एक है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
PCOD क्या है?
PCOD (Polycystic Ovarian Disease) एक हॉर्मोनल समस्या है, जो महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़ी होती है। इस समस्या में महिलाओं के अंडाशय (ovaries) में छोटे-छोटे सिस्ट (cysts) बन जाते हैं, जिससे उनका पीरियड्स इर्रेगुलर हो सकते हैं। यह समस्या हॉर्मोनल असंतुलन, जेनेटिक बीमारियों या तनाव के कारण हो सकती है। पीसीओडी से ग्रस्त महिलाओं को चेहरे पर बाल, कील-मुहांसे, पेट में दर्द और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही, यह समस्या प्रजनन क्षमता पर भी असर डाल सकती है और गर्भवती होने में परेशानी का कारण बन सकती है।
PCOD के लक्षण
PCOD से पीड़ित महिलाओं में निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:
- अनियमित मासिक धर्म (Irregular periods)
- चेहरे पर मुहांसे और बाल झड़ना
- सिर में दर्द और पेट में दर्द
- वजन का बढ़ना
PCOD के लिए आयुर्वेदिक इलाज
आधुनिक समय में PCOD का इलाज कई तरीकों से किया जाता है, लेकिन आयुर्वेदिक इलाज सबसे प्रभावी माना जाता है। आयुर्वेद में PCOD को एक हॉर्मोनल असंतुलन के रूप में देखा जाता है, जो अंडाशय को प्रभावित करता है। आयुर्वेद में इस समस्या के इलाज के लिए पंचकर्म थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें शरीर को शुद्ध करने के लिए वमन (उल्टी द्वारा शुद्धि) और बस्ती (औषधीय एनिमा) का उपयोग किया जाता है। इन प्रक्रियाओं से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स और कफ को बाहर निकाला जाता है, जो पीसीओडी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
शतावरी का लाभ
आयुर्वेद में शतावरी को PCOD के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें विटामिन्स, खनिज, फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं। शतावरी महिलाओं के प्रजनन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है और हॉर्मोनल असंतुलन को संतुलित करती है। यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को भी बेहतर बनाती है, जिससे डायबिटीज जैसी समस्याओं को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
लाइफस्टाइल में बदलाव
PCOD की समस्या से निपटने के लिए महिलाओं को अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करने की आवश्यकता होती है। इन बदलावों में प्रमुख रूप से पौष्टिक आहार का सेवन, नियमित एक्सरसाइज और पर्याप्त नींद लेना शामिल है। महिलाओं को हल्दी, दालचीनी, ताजे फल, सब्जियां और साबूत अनाज जैसे स्वस्थ आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। साथ ही, उन्हें जंक फूड, मीठे और प्रोसेस्ड फूड्स से बचना चाहिए।
निष्कर्ष
PCOD एक आम समस्या है, लेकिन सही आहार, आयुर्वेदिक उपचार और लाइफस्टाइल में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए ताकि वे इस समस्या से बच सकें और बेहतर स्वास्थ्य का आनंद ले सकें।
More Stories
लालू यादव 13वीं बार चुने गए राजद अध्यक्ष, पार्टी ने फिर जताया भरोसा
नगर निकायों की लापरवाही पर जिलाधिकारी हुई सख्त
इस्कॉन द्वारका में 27 जून को जगन्नाथ रथ यात्रा
उत्तरकाशी: यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन में दो की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, दो श्रद्धालु अब भी लापता
दूसरी पत्नी को सार्वजनिक रूप से स्वीकारना पड़ा भारी, भाजपा ने पूर्व विधायक सुरेश राठौड़ को भेजा नोटिस
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक जारी, बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट में दोपहर 2 बजे होगी सुनवाई