द्वारका से गुजरने वाली पालम ट्रेन की स्थिति खराब

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
August 14, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

द्वारका से गुजरने वाली पालम ट्रेन की स्थिति खराब

-नल की बदबू से सोसाइटियों में रहने वाले लोग परेशान -ड्रेन पर 9 करोड़ खर्च फिर भी नहीं सुधरे हालात

द्वारका/नई दिल्ली/अनीशा चौहान/ – द्वारका से गुजरने वाली पालम ड्रेन की सुध लेने की कोई एजेंसी तैयार नहीं है। ड्रेन में गंदगी व इससे निकलने वाली तेज बदबू के कारण इसके किनारे स्थित सोसायटियों में रहने वाले लोग परेशान हैं। यह हाल तब है जब 12 वर्ष पूर्व इस ट्रेन को साफ-सुथरा व दुर्गंध से मुक्ति दिलाने के नाम पर डीडीए यहां नौ करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। तब परियोजना भले ही प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई थी और यह सफल नहीं हुई। इसकी गलतियों से न तो डीडीए और न ही किसी अन्य एजेंसी ने कुछ सीख लेने की कोशिश की और न ही इसे साफ- सुधरा करने में रुचि दिखाई। नतीजा यह है कि इस नाले की दुर्दशा कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है।

ट्रेन से निकलने वाली बदबू की सर्वाधिक मार द्वारका सेक्टर तीन, पांच व 11 में स्थित उन सोसायटियों में रहने वाले लोगों पर पड़ती है, जिनके फ्लैट इस नाले के किनारे हैं। ऐसे लोग अपने फ्लैट की खिड़‌कियां भी खोलने से परहेज करते हैं। नाले के किनारे स्थित आदर्श अपार्टमेंट के लोगों का कहना है कि यहां आसपास का पूरा वातावरण दूषित हो रहा है। बदबू के कारण लोगों का यहां से गुजरना दूभर हो जाता है। नाले के किनारे बसी मधु विहार कालोनी के प्रधान रणबीर सिंह सोलंकी का कहना है कि पालम ड्रेन बरसात के पानी की निकासी के लिए है, लेकिन लापरवाही और नियमों की अनदेखी करते हुए इसमें जगह जगह क्षेत्र के कालोनियों के सीवर का पानी कई बार छोड़ दिया जाता है, जिससे स्थिति बदतर हो जाती है। सोलंकी बताते हैं कि पालम ड्रेन के किनारे बसे द्वारका व मधु विहार के निवासी गंदगी और बदबू के कारण परेशानियों का सामना करने को विवश हैं। समस्या को लेकर न तो जल बोर्ड और न ही सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग गंभीर है। फिलहाल, यह ड्रेन सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीन है। विभागीय अधिकारी का कहना है कि ड्रेन की समय समय पर सफाई होती है। गाद निकाली जाती है। क्या भविष्य में ऐसी कोई योजना है, जिससे इसके किनारे बसी सोसायटियों में रहने वाले लोगों को बदबू से निजात मिले, यह पूछने पर संबंधित अधिकारी ने चुप्पी साध ली

ट्रंक ड्रेन 2 व 5 की तरह हो पालम ड्रेन का विकास

उपनगरी द्वारका के लोगों का कहना है कि जिस तरह से उपनगरी से गुजरने वाली ट्रक ड्रेन दो व पांच का विकास किया गया है, उसी तर्ज पर पालम ड्रेन का भी विकास होना चाहिए। आज के समय में ट्रक ड्रेन दो व पांच में पानी शोधन के बाद ही छोड़ा जाता है। इससे पानी से निकलने वाली बदबू से लोगों से निजात मिल गई। साथ ही इसके दोनो किनारों पर वाटर फ्रंट बनाए गए है। इस वाटर फ्रंट पर सैर करने, योग करने व साइकिल चलाने की पूरी सुविधा है। लोग कहते हैं कि जब ट्रक ड्रेन. दो व पांच का विकास हो सकता है तो फिर पालम ड्रेन का विकास क्यों नहीं हो रहा है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox