जम्मू-कश्मीर/नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- जम्मू-कश्मीर के रियासी में बीते दिन आतंकियों ने श्रद्धालुओं से भरी बस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस पूरी घटना में 9 लोगों की मौत हो गई है जबकि 41 लोग घायल बताए जा रहे हैं। दैनिक जागरण ने घायलों से बातचीत करने की कोशिश की। घायलों ने आपबीती में बताया कि आतंकी सेना जैसी वर्दी में थे और पांच मिनट तक बैक टू बैक फायरिंग करते रहे।
शिवखोड़ी के दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं के लिए यह हादसा किसी खौफ से कम नहीं था। कुछ घायलों ने बताया कि आतंकी सेना जैसी वर्दी में थे और लगातार गोलियां बरसाते रहे। इससे पहले कुछ समझ पाते बस गहरी खाई में जा गिरी थी।
रियासी के अस्पताल में भर्ती उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु संतोष कुमार ने बताया कि वह ड्राइवर के पास सीट पर बैठे थे और बस घने जंगल के बीच से ऊपर से नीचे की ओर जा रही थी कि अचानक हथियारबंद आतंकी सेना जैसी वर्दी पहने सामने आ गए और गोलियां बरसाने लगे। उन्होंने चेहरे को काले कपड़े से ढका हुआ था।
ड्राइवर को गोली लगते ही बस खाई में गिर गई और उसके बाद भी फायरिंग बंद नहीं हुई। हम काफी देर तक खाई में बस में फंसे हुए थे, जब तक कुछ स्थानीय लोग पहुंचे और उन्होंने हमें निकालना शुरू किया। फिर पुलिस भी पहुंच गई। जम्मू मेडिकल कालेज में उपचाराधीन उत्तर प्रदेश के ही गोंडा से आए श्रद्धालु देवी प्रसाद ने बताया कि यात्रा की थकावट में कुछ सो गए थे।
अचानक गोली चलने की आवाज आई। पहले कुछ समझ में नहीं आया। आतंकी बस के लुढ़क जाने के पांच मिनट बाद भी गोलीबारी करते रहे। शायद वे सभी को मार देना चाहते थे। उसका कहना था कि एक पल तो लगा कि आज जिंदा नहीं रहूंगा लेकिन पांच मिनट तक गोलीबारी होने के बाद आतंकी वहां से चले गए। उस समय मैं तो होश में था लेकिन बस के अंदर का दृश्य बहुत ही भयानक था।
उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि हादसे में कितने लोगों की मौत हो चुकी है। देवी प्रसाद अपनी पत्नी नीलम और दो बच्चों प्रिंस गुप्ता, पलक गुप्ता के साथ आया था। हालांकि, सभी की हालत ठीक है। उन्हें अधिक चोट नहीं पहुंची है। आतंकी हमले से सभी भय में है। अन्य घायलों में से कोई भी अधिक बोल नहीं रहा था।
हमला स्थल आतंकियों का पुराना रूट रहा है सूत्रों के अनुसार, इस हमले में दो आतंकियों के शामिल होने की सूचना है। आतंकी घात लगाकर हमला करने के बाद जंगल में भाग निकले। उन्होंने कहीं छिपे होने की संभावना जताई जा रही है। जिस जगह पर हमला हुआ है, उसे कंडा कहा जाता है। यह इलाका आतंकियों की मूवमेंट का रूट है। राजौरी जिले के नौशहरा से होते हुए आतंकी पीर पंजाल की पहाड़ियों को पार कर कश्मीर के शोपियां जाते हैं।
इसी रूप में कुछ साल पहले नारला बंबल में आतंकी हमले में कुछ लोग मारे गए थे। इसी इलाके से कुछ किलोमीटर दूरी पर त्रियाठ के घरोटी में भी नरसंहार हुआ था। कुछ साल पहले इस हमले में एक ही परिवार के पांच लोग मारे गए थे।
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