नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/ – सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर बड़ा बयान आया है। केंद्र ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही कभी भी चुनावों का एलान किया जा सकता है। केंद्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तीन चुनाव बाकी हैं। जैसे ही पहला त्रिस्तरीय पंचायती राज सिस्टम लाया जाएगा, वैसे ही पहले चुनाव पंचायत के होंगे।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव खत्म हो चुके हैं और कारगिल में सितंबर में चुनाव होने हैं।

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की समयसीमा नहीं बता सकते
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा देने की समयसीमा नहीं बता सकता। हालांकि, केंद्र ने साफ किया कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है और इसे पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए कार्यवाही की जा रही है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ से कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर निर्णय भारत निर्वाचन आयोग और राज्य चुनाव आयोग को लेना है। मेहता ने पीठ को बताया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन स्तरों पर होंगे- पहला पंचायत चुनाव, दूसरा नगर निकाय चुनाव और फिर विधानसभा स्तर पर चुनाव होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था राज्य घोषित करने की समयसीमा पर जवाब
केंद्र ने 29 अगस्त को शीर्ष अदालत से कहा था कि जम्मू-कश्मीर की केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति स्थायी नहीं है और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगा। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सरकार से पूर्ववर्ती राज्य में चुनावी लोकतंत्र की बहाली के लिए एक विशिष्ट समयसीमा निर्धारित करने को कहा था।


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