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    अब देश के हुनरमंदों को मिलेगा सम्मान, सरकार लाई पीएम विश्वकर्मा सम्मान योजना

    -एमएसएमई को 9,000 करोड़ की अतिरिक्त कर्ज गारंटी,

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- सरकार पहली बार पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना लाई है। यह योजना उन्हें अपने उत्पादों की गुणवत्ता, विस्तार और पहुंच में सुधार लाने के साथ एमएसएमई वैल्यू चेन से जुड़ने में सक्षम बनाएगी। इसके तहत न केवल वित्तीय समर्थन मिलेगा, बल्कि उन्नत कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक तकनीकों की जानकारी और वैश्विक बाजारों के साथ संयोजन भी शामिल होगा। इसका लाभ 140 जातियों को होगा।
                   देश में 6.30 करोड़ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को प्रोत्साहन देने के लिए एक अप्रैल से संशोधित क्रेडिट गारंटी योजना का एलान किया गया है। इसमें करीब 9,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित किए हैं। योजना से क्रेडिट की लागत में एक फीसदी की कमी आने की उम्मीद है। साथ ही, एमएसएमई को दो लाख करोड़ की मुक्त क्रेडिट गारंटी का लाभ मिलेगा।

    हर राज्य में यूनिटी मॉल की पहल
    हर राज्य की राजधानी या पर्यटन की पहचान कहे जाने वाले स्थल के निकट एक मॉल बनाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इन्हें यूनिटी मॉल कहा जाएगा। इसमें जीआई टैग वाले उत्पाद, हस्तशिल्प और राज्य के हर जिले से एक विशेष उत्पाद (ओडीओपी) मिलेंगे। गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास ऐसा ही एक केंद्र बना हुआ है।

    विवाद से विश्वास-1
    कोविड में एमएसएमई अपनी संविदाओं का निपटारा करने में विफल रहे हों, तो बोली या निष्पादन प्रतिभूति से संबंधित जब्त राशि का 95þ सरकार और सरकारी उपक्रमों की ओर से उन्हें लौटाया जाएगा।
    विवाद से विश्वास-2
    सरकार और सरकारी उपक्रमों के संविदागत विवाद, जिनमें मध्यस्थता पंचाट को किसी कोर्ट में चुनौती दी गई है, उनके निपटान के लिए मानकीकृत शर्तों वाली एक स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी।

    राहत भरे कई कदम
    अब 3 करोड़ तक के टर्नओवर वाले एमएसएमई को ऑडिट कराने की जरूरत नहीं है। इसके लिए सिर्फ एक शर्त है कि कैश लेनदेन पांच फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। 30 लाख तक की आय वाले उद्यमियों को भी ये राहत दी गई है। पहले ये छूट उद्यमों के लिए 2 करोड़ और उद्यमियों के लिए 15 लाख रुपए ही थी। बड़े उद्योग अगर किसी छोटे-मंझोले उद्यम से वस्तु या सेवा लेते हैं, तो उसका भुगतान उन्हें अपने सालाना रिटर्न फाइल करने से पहले करना पड़ेगा, अन्यथा उस खर्च का वे छूट का दावा नहीं कर पाएंगे।

    कंपनी कानून के तहत अब दाखिल फॉर्म संभालने के लिए अलग केंद्र
    क्षेत्रीय कार्यालयों के पास जमा किए गए फॉर्म के प्रबंधन के लिए एक केंद्रीय प्रक्रिया केंद्र गठित किया जाएगा। इससे कंपनियों को अधिक तेजी से जवाब दिया जा सकेगा। वित्त मंत्री ने बिना दावा वाले शेयरों एवं लाभांश के भुगतान को आसान बनाने के लिए ‘निवेशक शिक्षण एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण बनाए जाने का भी प्रस्ताव रखा। यह कंपनी मामलों के मंत्रालय के तहत कार्य करेगा।

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