-नीरज बवाना गैंग का शूटर है नवीन, हत्या के बाद से चल रहा था फरार, आरोपी पर पहले से 12 आपराधिक मामले हैं दर्ज
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- जितेन्द्र गोगी ही हत्या के मामले में वांछित कुख्यात नीरज बवानिया गैंग के प्रमुख शूटर व गैंगस्टर नवीन भांजा को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। गैंगस्टर नवीन पर दिल्ली पुलिस ने 50 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था। वह रोहिणी कोर्ट कॉम्प्लेक्स में जितेंद्र गोगी हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। गैंगस्टर नवीन के खिलाफ दिल्ली के कई थानों में करीब 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी से तीन मामले सुलझने का दावा किया है। उसके खिलाफ मकोका का भी मामला दर्ज है। 2015 से 2020 तक वह जेल में बंद था. 2020 में वह अंतरिम जमानत पर बाहर आने के बाद फरार हो गया था.।
डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने गैंगस्टर नवीन उर्फ विक्की उर्फ भांजा को मुजफ्फरनगर-मेरठ टोल से गिरफ्तार किया है। गैंगस्टर नवीन हरियाणा के रोहतक का रहने वाला है। उस पर यूपी, दिल्ली, हरियाणा में हत्या, फिरौती समेत कई संगीन धाराओं में अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में केस दर्ज हैं। पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर एक टीम बनाकर नवीन को धर दबोचा। खबर के मुताबिक गैंगस्टर नवीन 2011 में नीरज बवानिया गैंग में शामिल हुआ था।
बता दें कि रोहिणी कोर्ट में हुए गैंगवार में जितेंद्र गोगी की हत्या के पीछे टिल्लू ताजपुरिया गैंग का हाथ होने की बात सामने आई थी। जितेंद्र गोगी को उसके विरोधी गैंग ने कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान गोलियों से भून दिया था। वहीं पुलिस ने भी दो बदमाशों को मार गिराया था। यह घटना सितंबर 2021 की है। अब मामले में फरार चल रहे आरोपी गैंगस्टर नवीन को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
नवीन भांजा की खबर मिलते ही दिल्ली पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। पुलिस की नजर मुजफ्फरनगर की तरफ से आ रही होंडा सिटी कार पर पड़ी। पुलिस ने कार को रोकने की कोशिश की। इस दौरान कार ने यू टर्न लेने की कोशिश करने लगी। इस दौरान पुलिस ने रास्ता रोककर कार में सवार नवीन को गिरफ्तार कर लिया। उन्होने बताया कि सुनील राठी गैंग के सदस्य अमित भूरा को पुलिस हिरासत से फरार करवाने में भी वह शामिल था. बागपत कोर्ट से उसको फरार करवाया गया था. इस जानकारी पर पुलिस टीम उसकी तलाश कर रही थी।
नीरज बवाना का शूटर नवीन भांजा गिरफ्तार पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 2011 से नीरज बवानिया के गैंग में है। 2011 में उसने नीरज बवानिया के साथ मिलकर मंडोठ गांव निवासी करतार पर गोलियां चलाई थी। हमले में करतार बच गया था। उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था.। जेल से आने के बाद वह नीरज का खास हो गया और नीतू दाबोदा गैंग से बदला लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा। नीतू दाबोदा की मौत के बाद प्रदीप दहिया गैंग को चलाने लगा। 2014 में दोनों गैंग के बीच शूटआउट हुई थी जिसमें नीरज बवानिया, मोनू, अशोक, रघु, पंकज और अरविंद शामिल थे। उन्होंने प्रदीप दहिया और अनिल उर्फ लीला की हत्या कर दी थी। वहीं उनका एक अन्य साथी अंशुल इस वारदात में घायल हुआ था। इसके बाद उसने 2014 में रोहतक में शिवाजी नामक युवक पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी। उसने पुलिस को बताया कि नीरज बवानिया और सुनील राठी अच्छे दोस्त हैं। 2015 में स्पेशल सेल ने उनके गैंग पर मकोका के तहत मामला दर्ज किया था। 2015 में नवीन उर्फ भांजा गिरफ्तार भी हुआ था। 30 मई 2020 को 45 दिन की अंतरिम जमानत उसे मिली थी. लेकिन वह फरार हो गया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि फरार होने के बाद से वह अशोक प्रधान गैंग के सदस्यों को मारने की फिराक में था। फिलहाल वह अशोक प्रधान को भी अदालत में पेशी के दौरान मारना चाहता था। फरार होने के बाद से वह नेपाल, रुद्रपुर, हिमाचल, दिल्ली और यूपी में छिप रहा था। पुलिस ने उसके पास से एक पिस्तौल, पांच जिंदा कारतूस और एक गाड़ी बरामद की है। उसके खिलाफ पहले से 12 मामले दर्ज हैं। वहीं उसकी गिरफ्तारी से फिलहाल पुलिस ने तीन मामलों को सुलझाने का दावा किया है।


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