कोरोना से रिकवरी के बाद भी 64 फीसदी मरीजों को सांस की परेशानी

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
July 27, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

कोरोना से रिकवरी के बाद भी 64 फीसदी मरीजों को सांस की परेशानी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-कोरोना महामारी से उबरे मरीज अगर ये सोच रहे हैं कि वे पूरी तरह ठीक हो गए हैं तो यह अति आत्मविश्वास उनके लिए दिक्कतें पैदा कर सकता है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों की परेशानी खत्म नहीं हो रही है। उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं में सांस लेने में तकलीफ, थकान, बेचैनी, डिप्रेशन शामिल हैं। उन्हें फेफड़े और हार्ट संबंधी दिक्कतें भी हो रही हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए शोध अध्ययन के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों में कई महीनों तक कोरोना वायरस का असर दिख रहा है। इलाज के बाद भी वे पूरी तरह ठीक नहीं हो पा रहे हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के दो से तीन महीने बाद यह असर दिखना शुरू हो रहा है। 
इस शोध अध्ययन के मुताबिक कोरोना से उबरने वाले 64 फीसदी लोग सांस की तकलीफ से जूझते मिले। मरीजों की एमआरआई रिपोर्ट से पता चला कि 60 फीसदी मरीजों के फेफड़े पहले की तरह स्वस्थ नहीं रहे। 29 फीसदी मरीजों को किडनी में समस्या, 26 फीसदी मरीजों को हार्ट में दिक्कत और 10 फीसदी मरीजों को लिवर संबंधी परेशानियां हुईं। रिकवरी के बाद 55 फीसदी मरीज थकान से जूझ रहे थे।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रेडक्लिफ डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के डॉ. बैटी रमन के मुताबिक, आंकड़े बताते हैं कि कोरोना से रिकवरी के बाद शरीर की जांच करने की जरूरत है। अस्पताल से छुट्टी के बाद उन्हें मेडिकल केयर देने के लिए एक मॉडल विकसित किया जाना चाहिए। बता दें कि भारत के कई राज्यों में इसी तर्ज पर पोस्ट कोविड केयर सेंटर चलाए जा रहे हैं। 
डॉक्टर बैटी रमन के मुताबिक, मरीजों में जो एब्नॉर्मेलिटी देखी जा रही है, उसका सीधा संबंध अंगों की सूजन से है। शरीर के अंगों में गंभीर सूजन और ऑर्गेन के फेल्योर होने की संभावना के बीच संबंध है।  सूजन के कारण ही शरीर के अंग डैमेज हो रहे हैं। कोरोना से रिकवर होने वाले मरीज ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। मालूम हो कि ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च ने मरीजों में लॉन्ग कोविड के मामले की ओर ध्यान दिलाया था। लॉन्ग कोविड से तात्पर्य रिकवरी के बाद शरीर के अलग-अलग हिस्सों में लेबे समय तक कोरोना का असर दिखना है।
पोस्ट कोविड के खतरे को देखते हुए विशेषज्ञ किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दे रहे हैं। बिहार के भागलपुर मेडिकल कॉलेज के पेट एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. पीबी मिश्रा कहते हैं कि इसे एक नए तरह की बीमारी समझें और तमाम एहतियात बरतें। कोरोना से ठीक होने के बाद अति विश्वास से न भर जाएं कि आपको अब कुछ नहीं होगा। मास्क का इस्तेमाल, हाथों की सफाई, लोगों से दूरी और कोरोना संबंधी अन्य प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखें। 

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox