हाई कोर्ट ने सुनीता केजरीवाल को भेजा नाटिस, पोस्ट हटाने के दिए निर्देश

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

June 2024
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
June 25, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

हाई कोर्ट ने सुनीता केजरीवाल को भेजा नाटिस, पोस्ट हटाने के दिए निर्देश

-कोर्ट ने सुनीता केजरीवाल को निचली अदालत की कार्यवाही सोशल मीडिया पर शेयर करने को लेकर दिए निर्देश

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को आबकारी नीति मामले से संबंधित अदालती कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग विभिन्न सोशल मीडिया मंचों से हटाने का शनिवार को निर्देश जारी किया। वीडियो में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल एक अधीनस्थ अदालत में अपनी बात रखते नजर आ रहे हैं।

          न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की खंडपीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनीता केजरीवाल समेत छह लोगों और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’, ‘मेटा’ और ‘यूट्यूब’ को नोटिस जारी किए हैं। उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया मंचों को यह भी निर्देश दिया कि यदि उनके संज्ञान में आता है कि ऐसी ही सामग्री दोबारा पोस्ट की गई है तो वे उसे भी हटा दें। अदालत ने मामले में एकपक्षीय अंतरिम आदेश जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तारीख निर्धारित की।
          पीठ ने कहा, ‘आदेश की सूचना उन्हें 48 घंटे के भीतर दी जानी चाहिए। सूचना सामान्य और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी दी जानी चाहिए।’ उच्च न्यायालय अधिवक्ता वैभव सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद जब अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च को एक अधीनस्थ अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से अपनी बात रखने का विकल्प चुना और कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट की गई। अदालतों से संबंधित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय नियम, 2021 के तहत प्रतिबंधित है।

दरअसल, वीडियो तब का है जब केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था और केजरीवाल ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा था। उच्च न्यायालय ने मामले में सुनीता केजरीवाल और पांच अन्य व्यक्तिगत उत्तरदाताओं को पोस्ट हटाने का निर्देश दिया और सोशल मीडिया कंपनियों को उस दिन रिकॉर्ड किए गए वीडियो के संबंध में किसी भी अन्य पोस्ट या रीपोस्ट को हटाने का भी निर्देश दिया है। अदालत ने अब इस मामले को 9 जुलाई को सूचीबद्ध किया है।
          याचिका अधिवक्ता वैभव सिंह द्वारा दायर की गई, जिन्होंने कई सोशल मीडिया हैंडल का नाम भी लिया। सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि केजरीवाल द्वारा 28 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट को संबोधित करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य विपक्षी दलों से जुड़े कई सोशल मीडिया हैंडल ने कोर्ट की कार्यवाही की वीडियो/ऑडियो रिकॉर्डिंग बनाई और उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया।
                    सुनीता केजरीवाल ने अक्षय नाम के एक एक्स (ट्विटर) अकाउंट द्वारा अपलोड की गई ऑडियो रिकॉर्डिंग को रीपोस्ट किया। सिंह ने तर्क दिया कि कोर्ट के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय नियम 2021 के तहत अदालती कार्यवाही की रिकॉर्डिंग प्रतिबंधित है और इन वीडियो को वायरल करना न्यायपालिका और न्यायाधीशों की छवि को खराब करने का एक प्रयास है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox