मानसी शर्मा /- हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लगातार तीसरी बार सरकार गठन की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्णय लिया है। 16अक्टूबर को विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा, जबकि 17अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा। BJPने इस तारीख को चुनने के पीछे एक सोची-समझी रणनीति बनाई है, जिसका उद्देश्य एक बड़ा सियासी संदेश देना है।
17अक्टूबर 2024को महाकाव्य रामायण के रचयिता ऋषि वाल्मीकि की जयंती है, जिसे वाल्मीकि समाज ‘परगट दिवस’ के रूप में मनाता है। इस खास मौके पर हरियाणा सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित कर BJPदलित समुदाय को एक सकारात्मक संदेश देना चाहती है। हरियाणा की नायब सरकार ने पहले ही इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
दलित समुदाय से जुड़ने की कोशिश
हरियाणा के हालिया चुनावों में BJPऔर कांग्रेस के बीच दलित वोटों को लेकर प्रतिस्पर्धा देखी गई थी। BJPने कुमारी सैलजा के मुद्दे को उठाकर दलित स्वाभिमान से जोड़ने का प्रयास किया, जिससे कांग्रेस को दलित विरोधी की छवि में खड़ा किया गया। इसके परिणामस्वरूप, BJPको चुनाव में लाभ मिला। अब, वाल्मीकि जयंती के दिन शपथ ग्रहण करने से पार्टी एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने की कोशिश कर रही है। इस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी और कई BJPशासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।
महर्षि वाल्मीकि का सम्मान
BJPने महर्षि वाल्मीकि को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं। जनवरी 2024में अयोध्या अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम वाल्मीकि के नाम पर रखा गया। 2014में केंद्र में सत्ता में आने के बाद, BJPने विभिन्न संतों और धार्मिक प्रतीकों के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचने का प्रयास किया है। हरियाणा में भी, महर्षि वाल्मीकि के योगदान को मान्यता देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
सामाजिक समरसता का संदेश
मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में BJPसरकार ने हरियाणा में महर्षि वाल्मीकि पर आधारित कई घोषणाएं की हैं। 2015में, एक विश्वविद्यालय का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा गया। 2021में कैथल विश्वविद्यालय का नाम बदलकर महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कर दिया गया। इसके अलावा, पानीपत में रेलवे रोड चौराहे का नाम भी महर्षि वाल्मीकि चौक रखा गया।
दलित समुदाय से सघन संबंध
हरियाणा में दलित समुदाय लगभग 21प्रतिशत है, जो जाटों के बाद दूसरी सबसे बड़ी जाति है। लोकसभा चुनाव में दलित-जाट समीकरण के माध्यम से कांग्रेस ने पांच सीटें जीती थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव में BJPने तीसरी बार जीत हासिल कर स्थिति को पूरी तरह बदल दिया। BJPने दलित और ओबीसी वोटों को एकजुट करने में सफलता प्राप्त की है।
BJPअब महर्षि वाल्मीकि जयंती के माध्यम से दलित समाज को मजबूत संदेश देने की कोशिश कर रही है। यह पहल पार्टी की रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दलित समुदाय को अपने साथ मजबूती से जोड़ना है।
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