मानसी शर्मा /- फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी कि आईपीओं में लिस्टिंग हो गई है। बता दें कि बुधवार यानी 13 नवंबर को स्विगी की लिस्टिंग बीएसई ( BSE) और एनएसई ( NSE) में हुई। कंपनी की लिस्टिंग 412 रुपए प्रति शेयर पर हुई। हालांकि स्विगी की शुरुआती शेयर 390 रुपए का था। इस सबके बीच स्विगी के 500 कर्मचारी भी मालामाल हो गए हैं। जी हां स्विगी के 500 कर्मचारी करोड़पति बन गए हैं। आइए जानते हैं आखिर ऐसा कैसे हुआ?
कैसे 500 कर्मचारी बन गए करोड़पति?
दरअसल, स्विगी की एक योजना ईएसओपी ( ESOP- Employee stock ownership plan) है। इस योजना के तहत स्विगी अपने कर्मचारी को कर्म खर्च या बिना खर्च के स्टॉक ऑफर करती है। जिसे कर्मचारी निर्धारित समय तक रिडीम कर सकते हैं। इस शेयरों के बदल उन्हें पैसा मिलता है। बता दें कि, स्विगी के 500 से ज्यादा कर्मचारियों ने 1 करोड़ की कमाई कर ली है। फॉर्च्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी 500 से ज्यादा मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को 9000 करोड़ रुपए ईएसओपी योजना के तहत पेमेंट करेंगी। बता दें कि, इससे पहले स्विगी ने कर्मचारियों के लिए 500 करोड़ रुपए का बायबैक प्रोग्राम लॉन्च किया था।
2024 का सबसे बड़ा आईपीओ
गौरतलब है कि, स्विगी ने हुंडई मोटर इंडिया के बाद इस साल भारत के दूसरे सबसे बड़े आईपीओ में 11,327 करोड़ रु जुटाए हैं। दूसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी कंपनी होने के बावजूद, इसे अपने आईपीओ के लिए सुस्त रेस्पॉन्स मिला, जिसे 6-8 नवंबर के बीच 371-390 रु प्रति शेयर के प्राइस पर बाजार में पेश किया गया था। इससे पहले स्विगी ने 2287 करोड़ रुपए ईएसपीओ के लिए जारी किए थे। जिसमें स्विगी के सीईओ श्रीहर्ष मजेटी भी शामिल थे। इसके अलावा को-फाउंडर नंदन रेड्डी और फणी किशन अडेपल्ली, सीएफओ राहुल बोथरा, सीटीओ मधुसूदन राव ने भी फंड जारी किए थे।
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